खेल के साथ मातृभाषा में प्राथमिक शिक्षा है जरूरी :डॉ. तिवारी

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अवधनामा संवाददाता

प्रयागराज । बच्चों का मस्तिष्क अनंत ज्ञान को समेटने की क्षमता लिए होता है लेकिन जब यही शिक्षा उसे मातृभाषा के अलावा किसी अन्य भाषा में दी जाती है तो उसका सहज मानसिक विकास अवरुद्ध हो जाता है इसलिए खेलकूद के साथ यदि उन्हें प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा में मिले तो उनका सर्वांगीण विकास हो सकता है” यह विचार उच्च शिक्षा निदेशालय, के सहायक निदेशक डॉ. शैलेंद्र तिवारी ने चाका, नैनी क्षेत्र में खुले ‘मेरीगोल्ड प्ले स्कूल एंड क्रेच’ के उद्घाटन अवसर पर व्यक्त किया।

कृष्णमोहन मेमोरियल फाउंडेशन द्वारा संचालित यह प्ले-स्कूल शिशु एवं बाल शिक्षा के क्षेत्र में स्थापित सिद्धांतों और नवाचरों के माध्यम से छह वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए संचालित किया जा रहा है। फाउंडेशन के अध्यक्ष ओमप्रकाश ने कहा कि वर्तमान में नई शिक्षा नीति भारतीय भाषाओं के विकास और रोजगार की संभावनाओं के लिए लाभकारी सिद्ध हो रही है। उन्होने बताया कि फाउंडेशन द्वारा पिछले एक दशक से भी अधिक समय से गरीब छात्रों के लिए शिक्षा संबंधी सहायता एवं मार्गदर्शन उपलब्ध कराया जा रहा है।

इस अवसर पर फाउंडेशन के पदाधिकारीगण उपस्थित रहे। प्रधान अध्यापिका श्रीमती इंदु यादव के अलावा, डॉ. जय प्रकाश, अमित कुमार यादव, एडवोकेट सूर्य प्रकाश, हीरालाल गोसाई, शिवचंद शर्मा, नीरज कुमार गौतम, प्रिंस राधे मोहन, अभिनव प्रकाश, अमित कुमार निषाद, डॉ. एम.एस. सिद्दीकी, रूपचंद गुप्ता, विनय शुक्ल, अरविंद यादव, शुभम कपरिया सहित बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे।

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