अवधनामा संवाददाता
फ़र्शे अज़ा खुदा से मिलाने का बेहतरीन ज़रीया है -मौलाना मो0 मुजतबा ” मीसम “
जो अद्ल का पैरोकार होता है बस वही ख़ुदा का इबादत गुज़ार होता है -मौलाना हिलाल अब्बास
बाराबंकी । जो अद्ल का पैरोकार होता है बस वही ख़ुदा का इबादत गुज़ार होता है।जो अद्ल से काम नही लेते ख़ुदा उन्हें पसन्द नहीं करता ।यह बात इमामबाड़ा तकैया बेगम बेगमगंज बाराबंकी में अशरे की चौथी मजलिस को ख़िताब करते हुएआली जनाबमौलाना हिलालअब्बास साहबने कही । मजलिस से पहले साहिल ने नजरानए अक़ीदत पेश किए। मौलाना ने करबला वालों के मसायब पढ़े जिसे सुनकर अजादार रो पड़े। बानिये मजलिस मुतवल्ली सरवर अली रिजवी ने सभी का शुक्रिया अदा किया । मजलिस का आग़ाज तिलावत से हुआ । सुबह साढे सात बजे मौलाना गुलाम अस्करी हाल में मजलिस को मौलाना अली अब्बास खान साहब ने ख़िताब किया । इमाम बाड़ा मीर मासूम अली कटरा मे असरे की चौथी मजलिस को आली जनाब मौलाना जाबिर जौरासी साहब ने खिताब किया । मजलिस का आग़ाज तिलावत ए कलाम ए पाक से हुआ।आखिर मे मौलाना ने मसायब पेश किए जिसे सुनकर मोमनीन रो पड़े ।आग़ा फ़य्याज मियांजानी के अजाखाने की चौथी मजलिस को मौलाना फ़ैज़ान मेहदी जैदपुरी ने खिताब करते हुए कहा बग़ैर तकवे का इल्म इंसानी तबाही का जरीया होता है । जो हक और बातिल में फ़र्क नहीं जानते मौला ए कायनात की नज़र में मुर्दा हैं। दानिश और कामयाब ने नजरानए अक़ीदत पेश किए। वही रसूलपुर मे मोहसिन साहब के अजाखाने की मजलिस को आली जनाब मौलाना तसनीम हैदर साहब ने ख़िताब किया । करबला सिविल लाइन और रिफाकत रिजवी के अजाखाने मे मौलाना मो0 मुजतबा ” मीसम ” साहब ने मजलिस को ख़िताब करते हुए कहा फ़र्शे अज़ा खुदा से मिलाने का बेहतरीन ज़रीया है। बन्दा जिन नेमतो का शुक्रिया अदा करता है खुदा उसमे बरकत अता कर देता है । डा 0 रज़ा मौरानवी,कशिश स॔डीलवी , आरिज जरगांवी , मुहिब रिजवी, हाजी सरवर अली करबलाई, कामयाब, तालिब जैदी व गाज़ी इमाम व साहिल ने नजरानए अक़ीदत पेश किए। इमाम बाड़ा जनाबे जैनब बेगमगंज में मजलिस को दानिश रिज़वी ने खिताब किया । मजलिस का ये सिलसिला बेगमगंज के बाद डाक्टर असद (मरहूम अतहर एडवोकेट)के अजाखाने में जहां मजलिस को मौलाना रज़ा ज़ैदपुरी ने खिताब किया । मजलिस का ये सिलसिला हैदर हाउस , कम्पनी बाग , लाइन पुरवा, रफी नगर, अस्करी नगर,बेलहरा हाउस , तकिया व पीर बटावन मे देर रात तमाम हुआ।
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