अवधनामा संवाददता
अयोध्या। जिलाधिकारी नितीश कुमार ने आयुक्त कार्यालय परिसर व गांधी सभागार में किसान मेला प्रदर्शनी व खरीफ उत्पादकता गोष्ठी का फीता काटकर व दीप प्रज्जवलित कर शुभारम्भ किया गया। इस दौरान जिलाधिकारी ने किसान मेला प्रदर्शनी में कृषि से जुड़े विभिन्न विभागों एवं निजी संस्थाओं व कृषकों द्वारा लगायी गयी योजनाओं उत्पादों के स्टालों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने फसलों पर उत्पादों की उपयोगिता व उसके प्रयोग करने सम्बंधी विस्तृत जानकारी तथा विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं को जन सामान्य कृषकों तक सुचारू रूप से पहुंचाने व व्यापक प्रचार प्रसार करने के निर्देश दिये।
तदोपरांत जिलाधिकारी ने कृषक भाईयों को सम्बोधित करते हुये कहा कि सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का पात्र लाभार्थियों को लाभ दिया जा रहा है। उन्होंने कृषको में रसायनिक खेती के दुष्प्रभाव को बताया तथा उनसे खेती में रसायनिक खादों का कम से कम प्रयोग करने तथा जैविक विधियों खादों के माध्यम से कम लागत में गुणवत्तापूर्ण खाद्यान्न उत्पादित करने को कहा। जिलाधिकारी ने कहा कि भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जनपद स्तर जनूपदीय एवं तहसील स्तर पर तहसील प्रयोगशालायें स्थापित की गयी है। जनपदीय प्रयोगशालाओं पर 12 पैरामीटर पीएच, ईसी, आर्गेनिक उपलब्ध नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटेशियम, सल्फर, जिंक, बोरान, आयरन, मैगनीज, कापर का विश्लेषण किया जाता है एवं तहसील स्तरीय प्रयोगशालाओं में आर्गेनिक जीवांश कार्बन, फास्फोरस, नाइट्रोजन, पोटाश, पीएच एवं ईसी का विश्लेषण होता है। किसान अपने खेत से चार से पांच स्थानों से साधारण के 6 इंच X 4 इंच X 6 इंच गड्डे खोद कर ले। खुरपी कर गड्ढे की दीवार से लगभग 2.5 सेमी परत ऊपर से नीचे लें। मिट्टी को अच्छी तरह मिलाकर कम से कम 500 ग्राम मिट्टी लेकर थैले में भर ले एवं थैले के ऊपर किसान का नाम, पिता का नाम, गांव, खसरा सं० क्षेत्रफल विकास खण्ड का नाम, तहसील का नाम आदि अवश्य लिखा दे। एक लेविल थैली के अन्दर एवं एक थैली के ऊपर बांध दें। मृदा नमूना भेजते समय यह भी अंकित करना आवश्यक है कि खेत में कौन सी फसल ली जानी है, ताकि उसी के अनुसार उर्वरक की संस्तुति की जा सके। मृदा नमूना विश्लेषण के उपरान्त फसलवार उर्वरक एवं खाद की संस्तुति मृदा स्वास्थ्य कार्ड पर की जाती है। जिससे किसान अनावश्यक उर्वरक के प्रयोग से बच जाता है और फसल के उत्पादन में अच्छा लाभ प्राप्त करता है। प्रत्येक मृदा नमूना के विश्लेषण हेतु विभाग द्वारा निर्धारित शुल्क जमा कर मृदा परीक्षण अपने नजदीकी मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं में मिट्टी की जांच करा सकते हैं। मुख्य पोषक तत्वों नेत्रजन, फास्फोरस एवं पोटाश की परीक्षण हेतु शुल्क 30 रूपये एवं 12 पैरामीटर की जांच हेतु निर्धारित शुल्क 102 रूपये जमा कर परीक्षण करा सकते हैं।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी ने गौ-आश्रय स्थलों के संचालन के सम्बंध में जानकारी प्रदान की गयी। गोष्ठी में जिला कृषि अधिकारी द्वारा खरीफ में कृषि निवेशो की उपलब्धता, भूमि संरक्षण अधिकारी जिला कृषि रक्षा अधिकारी द्वारा खरीफ में कृषि रक्षा रसायनों की उपलब्धता व भूमि संरक्षण अनुभाग की योजनाओं की जानकारी प्रदान की गयी।इस अवसर पर उपनिदेशक कृषि ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना आदि की विस्तृत जानकारी प्रदान की गयी। गोष्ठी में जिला उद्यान अधिकारी ने जनपद में आलू भण्डारण, एकीकृत बागवानी विकास मिशन आदि की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बागवानी मिशन के अन्तर्गत पाली हाउस व गेट हाउस के निर्माण पर लागत मूल्य का 50 प्रतिशत अनुदान अनुमान्य है। केले की खेती पर कृषकों को प्रति हे0 प्रथम वर्ष 30670 रूपये एवं द्वितीय वर्ष 10230 रूपये अनुदान के रूप में केले की पौध विभाग द्वारा उपलब्ध कराया जाता है। इस अवसर पर पशुपालन विभाग द्वारा अवगत कराया गया कि जनपद में छुट्टा जानवरों से फसलों को बचाने हेतु कुल 32 गौवंश आश्रय स्थलों का निर्माण कराया गया है 25 अस्थायी, 02 बृहद गौ संरक्षण केन्द्र, 4 कान्हा गौशाला एवं 01 काजी हाउस इसमें आठ हजार से अधिक गौवंशो को संरक्षित किया गया है। गोष्ठी में नाबार्ड बैंक की योजनाओं कृषि यांत्रिकीकरण तथा खरीफ के लक्ष्यों की पूर्ति हेतु योजनाओं की जानकारी प्रदान की गयी। इस अवसर पर मृदा परीक्षण के अवसर पर संतुलित उर्वरकों के प्रयोग, बीज शोधन व कृषि की नवीनतम तकनीतियों आदि पर वैज्ञानिकों/विशेषको द्वारा चर्चा की गयी। गोष्ठी में जनपद के कृषकों द्वारा अपने अभिनव प्रयोगों को भी साझा किया गया। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी, उप निदेशक कृषि, जिला कृषि अधिकारी, जिला उद्यान अधिकारी, भूमि संरक्षण अधिकारी, जिला कृषि रक्षा अधिकारी, किसान विकास केन्द्र मसौधा के वैज्ञानिक विशेषज्ञ उपस्थित रहे।
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