अवधनामा संवाददाता
लखनऊ। मोहर्रम के महीने की शुरुआत होते ही मजलिसे अजा का इनएकाद इमामबाड़ा मकसदे हुसैनी घास मंडी में किया गया। जिसको मौलाना रईस काज़मी साहब ने खिताब किया।
मौलाना ने कहा कि कर्बला का पैगाम आतंकवाद से मुकाबला करना है। उन्होंने कहा कि आतंकवादी भेष बदलकर हमारे बीच में शामिल हो जाते हैं और हमारी तरफ से पत्थर चला देते हैं ताकि हम बदनाम हो हमें ऐसे आतंकवादियों से और उनकी इन हरकतों से होशियार रहने की जरूरत है।
ऐ चांद मोहर्रम के तु बदली में चला जा।
तुझे देख के मर जाए न बीमार है सुगरा।।
मौलाना ने शायद में यह शेर पढ़ा।
अब्बास मर गए अली अकबर जुदा हुआ।
हमसे किसी ने यह भी न पूछा कि क्या हुआ।।
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