डीएम साहब मैं जिंदा हूं…मुझे पेंशन दिलाई जाय

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बांदा।(संवाददाता)। नरैनी के बिल्हवा गांव के रहने वाले 75 वर्षीय किसान नेतराम बुधवार को कलक्ट्रेट में डीएम अनुराग पटेल के सामने बिफर पड़े। उन्होंने एक लेखपाल की अंधेरगर्दी बताई। बोले- साहब, मैं अभी जिंदा हूं। आपके सामने खड़ा हूं। मेरा आधार मेरे साथ है।
मैं अपने जीवित होने का इससे बड़ा प्रमाण और क्या दूं? मगर सचिव ने मुझे मरा दिखाकर मेरी वृद्धावस्था पेंशन रुकवा दी है।बुजुर्ग की बात सुनकर डीएम ने तत्काल एसडीएम को फोन मिलाया और पूरी बात बताई। एसडीएम को निर्देश दिया कि संबंधित सचिव को नोटिस जारी कर कारण पूछें कि ऐसा क्यों और कैसे हुआ?इसके बाद बुजुर्ग ने डीएम से आग्रह किया कि कागज अभी प्रमाणित करवा लें। कुछ और चाहिए तो बताएं। मगर बुढ़ापे में चक्कर न लगवाएं। सचिव घर जाएंगे तो फिर कुछ गड़बड़ कर देंगे। इस पर डीएम ने एसडीएम से कहा कि तत्काल दस्तावेजों को दुरुस्त कराएं। डीएम ने आश्वस्त किया कि अगली किस्त न आए यहां आकर बताएं।बुजुर्ग ने आरोप लगाया कि सचिव और प्रधान की मिलीभगत से उन्हें मृत दिखाया गया है। एक साल से उनके खाते में वृद्धावस्था पेंशन नहीं आ रही है। बुढ़ापे में पेंशन ही उनका एक मात्र सहारा है।
पेंशन पाने के लिए वह दर दर भटक रहे हैं। समस्या लेकर वे कई बार एसडीएम कार्यालय भी गए। मगर सुनवाई नहीं हुई। बुजुर्ग ने डीएम से आग्रह किया है कि मृत बताकर पेंशन बंद करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
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