मथुरा, जनपद में विगत दिनों से एसएसपी पद पर कार्यभार सँभालने वाले होनेहार तेज तर्रार कम उम्र और दिखने में मासूम,विद्यार्थी जेसे नजर आने वाले आईपीएस अफसर प्रभाकर चौधरी के कार्यो की मीडिया ही नहीं समूचे जनपद की जनता में चर्चा का विषय बना हुआ है बल्कि कई कथाकथित नकाब पोश ,काले कारोबारों को अंजाम देने और उन्हें बढ़ावा देने वाले सत्ताधारी नेताओं के चेहरे पर हवाइयां उड़ती नजर आ रही हैं । पिछले दिनों सत्ता पक्ष से जुड़े एक पूर्व विधायक के बेटे,प्रमुख हिन्दू संग़ठन के एक वरिष्ठ पदाधिकारी के भाई तथा एक भाजपा नेता के सरंक्षण मैं फल फूल रहे सट्टा कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए छापामार कार्यवाही की गई ।
जिसमें एक भाजपा नेता सहित चार को तो गिरफ्तार कर लिया गया ,लेकिन हिन्दू संग़ठन के प्रमुख पदाधिकारी का भाई पूर्व विधायक का पुत्र एवं अन्य सटोरिया पुलिस के हत्थे नही चढ़ सके। सटोरियों के बचाव मैं एक मंत्री जी ने पूरी ताकत लगाई लेकिन वो इसमें सफल नही हो सके। जनता और सत्ता से जुड़े लोग बताते हैं कि इसके बाद फरार आरोपियों को पकड़ने के लिए उनके ठिकानों पर स्वयं सादावर्दी मैं निगरानी की गई । जिसके बाद आरोपी अपने घरों को छोड़- छोड़कर भाग गए,इसके अलावा ढकेल- खोमचों वालों से सट्टा- गांजा,अफीम आदि का संचालन करने वालों की जानकारी एकत्रित कर उन्हें चिन्हित कर पुलिस को हर कीमत पर गिरफ्तार करने के निर्देश दिए जाना बताया जा रहा है ।मथुरा के होलीगेट- महोली रोड सहित जनपद के व कई कस्बों से जानकारी मिली है कि एसएसपी बाइक, बस ,टेम्पो या अन्य किसी भी साधन से दिन हो या रात गस्त करते देखे गए हैं ।एसएसपी मथुरा की कानून व्यवस्था को कितना काबू कर पाएंगे और जनता कितनी संतुष्ट हो पाएगी । ये तो आने वाला वक्त बताएगा,लेकिन उनके तेवरों से माफिया और सत्ता के नकाब पोश मैं छिपे भेड़ियों की पहचान होने और उनका खुलासा होने से राजनीतिक हड़कम्प भी मचा हुआ है। सत्ता से जुड़े एक वरिष्ठ नेता का तो कहना है अगर सरकार ने छह माह भी मथुरा मैं तैनात रखा तो दर्जनों नेताओं का काला कारोबार और राजनैतिक भविष्य चौपट हो जाएगा इस लिए लोकसभा चुनाव के बहाने नेताओं की तिकड़ी उन्हें हटाने के लिए प्रयास मैं जुट गई है। उधर पुलिस विभाग के भृष्ट अफसरों मे भी हड़कम्प की स्थित है । इससे पूर्व कानपुर आदि मैं भी उनकी कार्यशैली चर्चित रही है।
शहीद कुरैशी की रिपोर्ट