जीएसटी लगाना मुनाफे की संस्था भारतीय जीवन बीमा निगम को कमजोर करने के प्रयास-ठाकुर

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अवधनामा संवाददाता 

सोनभद्र/ब्यूरो ऑल इंडिया लाइफ इंश्योरेंस एजेंट एसोसिएशन का राबटर््सगंज सोनभद्र में अभिकर्ता चेतना समागम संपन्न हुआ। इसके मुख्य अतिथि राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवलाल ठाकुर ने भारत सरकार द्वारा इंश्योरेंस सेक्टर पर जी एस टी ,एफ डी आई निवेश के मुद्दे पर कहा कि देशी और विदेशी पूंजीपतियों को लाभ पहुंचा कर उनसे राजनैतिक स्वार्थ सिद्धि करने की दृष्टि कोण से सरकार ने मुनाफे की संस्था भारतीय जीवन बीमा निगम को कमजोर करने के प्रयास के अंतर्गत जी एस टी विनिवेश को आरंभ किया । आपने कहा कि बीमा ना कोई वस्तु है न उत्पाद ,जहां इकरारनामा के अंतर्गत पालिसी धारकों को पालिसी दी जाती है। भारतीय जीवन बीमा निगम 10 साल 15 साल 20 साल की अवधि के पश्चात किस्त भरपाई के बदले पारसी धारक को जीवित हित लाभ सहित अभ्यर्पण मुल्य कर्ज का भुगतान किया जाता है।जो की एक निश्चित अवधि के पश्चात प्राप्त होता है।लगतार किस्त भरपाई न करने पर पालिसी धारकों को कुछ भी प्राप्त नहीं होता है । अगर सर्विस की बात की जाए तो सर्विस देने वाला कर्मी वेतन पाता है और अभिकर्ता कमीशन। पाल्सी धारकों के ब्याज पर जीएसटी क्यों संगठन सरकार इसे वापस लेने की मांग करता है और बीमा पर इसे उचित नहीं समझता साथ ही निवेशकों की दिशा में पहल बताते हुए कहा कि भारतीय जीवन बीमा निगम के मुख्य उद्देश्य से हटकर शेयर मार्केट के लिए जाने का सरकार का विधेयक को निगम से दूर करने का प्रयास है। कारण कि 99ः शेयर मार्केट में नहीं रूचि नहीं रखता। उसका लगाव निगम से कम हो जाएगा। जिसका सीधा असर बीमा व्यवसाय पर पड़ेगा जिससे  संस्था कमजोर होगी। यही बहाना बनाकर भारत सरकार द्वारा निगम को निजी हाथों में बेचने के लिए विनिवेश की सीमा को बढ़ा दिया जाएगा ।कारण कि आगे चलकर पूंजीपति भारतीय जीवन बीमा निगम का मालिक होगा ।एफडीआई को अंतर्राष्ट्रीय बताते हुए कहा कि संस्था पर कब्जा करने के उद्देश्यों को आप आसानी से समझ सकते हैं जबकि यूरोपीय एशिया के दीक्षित विकसित देशों की टेक्नोलॉजी उन देशों की शिक्षा और देशों की तुलनात्मक अध्ययन में हम कहीं भी खड़ा नहीं होता। ऐसी सरकार संस्थाओं को खरीदते हुए रिटेल के क्षेत्र में अगर कल कारखानों को विकसित करता है तो वहां हमें नौकरी करने के लिए विवश होना होगा करने वाले नौकर के रूप में कार्य करेंगे हमें प्रतिस्पर्धा में खड़ा होने के लिए अपनी शिक्षा को ऊपर उठाने के लिए आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए छोटे-छोटे कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देना होगा साथ ही संरक्षित करना होगा सरकारी संस्थाओं को अपने आईआरडीए के अध्यक्ष द्वारा अभिकर्ताओं के कमीशन को पाल्सी धारकों की रसीद और बांण्ड पर छापे   जाने के निर्णय का पुरजोर विरोध किया।और कहा कि 25 अगस्त 2022 को वाराणसी मंडल कार्यालय पर मंडल के अधिकृत एकत्रित होकर आईआरडीए की इस निर्णय के विरोध प्रदर्शन करते हुए अध्यक्ष भारतीय जीवन बीमा निगम मंडल प्रबंधक वाराणसी ज्ञापन दिया जाएगा ।अगर बात नहीं बनती है तो संगठन आंदोलन के लिए बाद्ध्य होगा।  अभी कर्ताओं की नियुक्ति के पश्चात वेतन भोगियों के सामान सारी सुविधाएं को देने की मांग प्रबंधन से की वाराणसी डिविजनल काउंसलिंग के अध्यक्ष एवं महामंत्री ने जोर देकर कहा कि मंडल के सभी शाखाओं में सुसज्जित अभिकर्ता कच्छ का निर्माण अगर नहीं करता है तो आगे आंदोलन के लिए अभिकर्ता विवश होंगे शाखा के अध्यक्ष अरविंद कुमार सिंह एवं महामंत्री कन्हैया पांडे ने अतिथियों का जोरदार स्वागत करते हुए राष्ट्रीय पदाधिकारियों का स्वागत किया इस मौके पर वीरेश सिंह मुन्ना यादव संजय कुमार सिंह सुरेश राय महेश केसरी अखिलेश कुमार मिश्र सुरेश कुमार पाठक संतोष कुमार त्रिपाठी शिव शंकर मिश्र दिनेश कुमार अग्रहरि अवधेश कुमार सोनू इमदाद बसंत सिराज अहमद दीन दयाल सिंह विकास अग्रहरी मनोज कुमार श्यामा कांत सुनील कुमार रवि शंकर दुबे जय प्रकाश सिंह रामसूरत संजय कुमार राजेश कुमार गुप्ता सुनील शुक्ला शेख मोहम्मद याद उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता शाखा अध्यक्ष अरविंद कुमार सिंह ने किया
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