नारायणी नदी में डूबे युवक का शव दूसरे दिन बरामद

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अवधनामा संवाददाता

उत्तर-प्रदेश पुलिस में एसआई के पद पर चयनित था विपिन
तरयासुजान, कुशीनगर। तरयासुजान थाना क्षेत्र के ग्राम सभा जवाही दयाल चैनपट्टी के समीप सोमवार नारायणी नदी में जल भरने गया युवक डूब गया था। जिसका शव एनडीआरफ टीम ने 32 घण्टे बाद बरामद किया। तरयासुजान थाने की पुलिस शव को कब्जे में लेकर आवश्यक कार्यवाही में जुटी है। परिजनों के अनुसार उक्त युवक का उत्तर प्रदेश पुलिस में एसआई के पद पर चयन भी हुआ था।
जानकारी के अनुसार विपिन पुत्र पन्नालाल उम्र 25 वर्ष निवासी भगवानपुर गंडक नदी में सावन के पहले सोमवार को जल भरने गया था। इसी दौरान युवक गहरे पानी में बह गया साथ खड़े युवकों के शोर मचाने पर आसपास के ग्रामीणों ने युवक को खोजने का पुरा प्रयास किया। पर उसका कहीं पता नहीं चल सका। जिसकी सूचना थाने पर दी गयी मौके पर पहुंची मुकामी तरयासुजान थाने की पुलिस भी गोताखोरों के सहायता से युवक के तलाश में जुटी थी। लेकिन देर शाम तक शव बरामद नहीं हो पायी। फिर टीम के लोग वापस चले आये थे।
मंगलवार को पुनः प्रातः से ही पुलिस टीम के साथ पहुँची एनडीआरफ टीम के सदस्य उक्त युवक के तलाश में जुट गई थी। लेकिन उसे दोपहर बाद यक निराश ही हाथ लगा था। लेकिन उनका अथक प्रयास काम आया और उक्त युवक के शव को चार बजे के आसपास बरामद किया गया। मृतक युवक के परिजनों के अनुसार युवक का चयन उत्तर प्रदेश पुलिस में एसआई के पद पर हुआ था। उसी से उत्साहित युवक सावन मास में नारायणी नदी से जल भरकर शिव मंदिर में जलाभिषेक के लिए गांव वालों के साथ गया हुआ था।
इस सम्बन्ध में तरयासुजान नवागत थाना प्रभारी निरीक्षक आर के सिंह ने बताया कि पुलिस व एनडीआरफ टीम के सहयोग से शव को बरामद कर लिया गया हैं। शव को पीएम हेतु भेज अग्रिम विधिक कार्यवाही की जा रही है।
इनसेट
विपिन को दारोगा बनने का सपना नहीं हुआ साकार
 
भगवानपुर निवासी पन्ना लाल मद्धेशिया को क्या पता था कि सावन का पहला सोमारी विपिन की ज़िंदगी छिन लेगी। पांच बच्चों में सुर से होनहार विपिन को दरोगा बनने का सपना था। लेकिन यह सपना पन्ना लाल के लिए सपना रह गया। और गंगा मईया ने सपना को हमेशा के लिए मिटा दिया।‌ विपिन यूपी पुलिस की दरोगा का रिटर्न और फिजिकल पास कर लिया था। केवल मेडिकल टेस्ट बाकी था। लेकिन भगवान के आगे पन्ना लाल के सभी सपने अधूरे रह गए। यह वहां मौजूद लोगों की आंखे नम होकर बार-बार बोल रही थी।
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