भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद स्थापना दिवस

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अवधनामा संवाददाता

ललितपुर। बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के अन्तर्गत संचालित कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के 94वां स्थापना दिवस एवं किसानों की आये दोगुनी होने के उपलक्ष्य में तैयार की गयी सफलता की कहानियों का विमोचन कार्यक्रम का सजीव प्रसारण केन्द्र के सभागार में कृषकों को दिखाया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, केन्द्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री पुरूषोत्तम रूपाला, केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी, महानिदेशक आईसीएआर डा.त्रिलोचन महापात्रा, उप महानिदेशक कृषि प्रसार डा.ए.के. सिंह के साथ आईसीएआर के 94वां स्थापना दिवस और पुरस्कार समारोह 2022 का दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन किया। सर्वप्रथम डा.त्रिलोचन महापात्रा ने कहा कि 1-2 अक्टूबर 2022 के बीच टोल फ्री नं. जारी करेंगे। जिससे किसानों को कई तरह की मदद मिल जायेगी। इसके उपरान्त उन्होंने बताया कि हमने नेशनल कैपिंग भी की है जिससे देश के 7-8 लाख किसानों तक पहुंचाया गया है। आईसीएआर को बधाई देते हुए मंत्री श्री कैलाश चौधरी ने कहा कि किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के पीछे आईसीएआर का बहुत बड़ा योगदान है। देश किसानों के एक लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रहा है जिसमें किसानों की आय, नयी तकनीक, आर्थिक सहायता, फसल बीमा हर एक चीज पर ध्यान रखा जायेगा। सरकार द्वारा दस हजार एफपीओ बनाने का कार्य किया जा रहा है। पुरूषोत्तम रूपाला कहा कि किसान अपनी परेशानी का हल निकालने के लिए जिस तकनीक को बना रहे हैं सरकार को उनकी मदद करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि गाय का मल-मूत्र पवित्र है इसका प्रयोग खेत में करना चाहिए। केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आईसीएआर के जन्म दिवस को लेकर कहा कि सरकार, राज्य सरकार, आईसीएआर, के0वी0के0 सब मिलकर किसान के लिए काम करें। उन्होंने बताया कि खेती और परिवार की स्थिति एक जैसी होती है। अगर परिवार का बच्चा तरक्की का हासिल करता है तो परिवार को खुशी होती है। ठीक उसी प्रकार से जब के0वी0के0 बीज तैयार करता है और किसानों को उसका फायदा मिलता है तो किसान को भी बहुत खुशी मिलती है। इसी के साथ उन्होंने कई किसानों और वैज्ञानिकों को सम्मानित किया। इस अवसर पर केन्द्र की प्रभारी डा.सरिता देवी, डा.दिनेश तिवारी, डा.एन.के.पाण्डेय, डा.एन.के. यादव, डा.मारूफ अहमद एवं जिले के लगभग 40 कृषक उपस्थित रहे।
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