कोविड काल में बंद हुयीं ट्रेनों को फिर किया जाये बहाल

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अवधनामा संवाददाता

बुविसे ने केन्द्रीय रेलमंत्री को भेजा ज्ञापन
ललितपुर। बुन्देलखण्ड विकास सेना के प्रमुख हरीश कपूर टीटू एवं कार्यकर्ताओं ने एक ज्ञापन रेलमंत्री भारत सरकार को भेजा। उन्होंने ज्ञापन में मांग की है कि जाखलौन व धौर्रा में पूर्व के समय में अनेकों सवारियां गाडिय़ों का ठहराव होता था, लेकिन कोविड के चलते यह ठहराव अब वर्तमान में नहीं हो रहा है। ललितपुर के जाखलौन व धौर्रा रेलवे स्टेशन पर पुन: सवारी गाडिय़ों का ठहराव किया जाये, उन्होंने कहा कि यह स्टेशन वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी मण्डल के अन्तर्गत आता है। ललितपुर जनपद के कस्बा जाखलौन व धौर्रा में पत्थर उद्योग एवं जड़ी बूटियों का विश्व स्तरीय व्यापार भी है। इस क्षेत्र में विश्व प्रसिद्ध देवगढ़ व दशावतार मंदिर एवं रणछोर गुफा भी है। यहां पर साल भर में लाखों की संख्या में देश के कोने कोने से पर्यटक घूमने के लिए आते हैं। यह क्षेत्र प्राकृतिक सम्पदा से भरा पड़ा हुआ है। कस्बा जाखलौन व धोर्रा में प्राकृतिक बेशकीमती छत्ती वाले पत्थर हैं। विकास सेना ने जाखलौन व धोर्रा रेल्वे स्टेशन पर इन ट्रेनों के ठहराव की मांग की है जिसमें सावरमती एक्सप्रेस, छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस, पठानकोट एक्सप्रेस, झेलम एक्सप्रेस आदि अप-डाउन रेल गाडिय़ों के ठहराव की मांग की हे। आपको बता दें कि कोविड काल के पहले इन ट्रेनों का कस्बा जाखलौन व धौर्रा में ठहराव होता था, इन गाडिय़ों के ठहराव से यहां के लोगों के लिए काफी सुविधा थी, और अगर किसी पर्यटक को भी यहां आना है तो उसे भी आने जाने की ट्रेन की बढिय़ा सुविधा मिलती थी। ज्ञापन भेजते समय महेन्द्र अग्निहोत्री, सुरेश नायक, राजेन्द्र गुप्ता, राजकुमार कुशवाहा, अमर सिंह बुन्देला, बृजेश पाराशर, अनिल अहिरवार, रामकुमार पटेल, कदीर खां, विनोद साहू, छोटू विश्वकर्मा, आनंद गोस्वामी, पुष्पेन्द्र सोनी, प्रदीप साहू, मु. लईक, संदीप, सौरभ आदि के हस्ताक्षर बताये गये।
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