जैविक खेती की उन्नत विधियों पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न

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अवधनामा संवाददाता

बांदा। बाँदा कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय बाँदा के कृषि महाविद्यालय के मृदा विज्ञान एवं कृषि रसायन विभाग व जिला मिशन प्रबन्ध इकाई, उŸार प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, बाँदा के संयुक्त तत्वाधान में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया था। महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना के अंतर्गत जैविक खेती हेतु केंचुआ खाद का उत्पादन एवं महत्व विषय पर विकास खंड बड़ोखर खुर्द बाँदा की कृषि एवं पशु सखियों हंेतु पांच दिवसीय प्रशिक्षण दिनांक 01 जुलाई से 05 जुलाई 2022 तक आयोजित किया गया था। विश्वविद्यालय के कुलपति डा0 नरेन्द्र प्रताप सिंह के निर्देशन व डिप्टी कमिश्नर एवं राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, बाँदा श्री कृृष्ण करूणाकर पाण्डेय के सहयोग से सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ। समापन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि अधिष्ठाता कृृषि डा0 जी0 एस0 पंवार ने जैविक खेती में केंचुआ खाद के महत्व के बारे में बताया। उन्होने खरपतवार के नियंत्रण एवं धान नर्सरी में होने वाले नुकसान के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी।
कार्यक्रम के सफल आयोजन में कृषि महाविद्यालय के मृदा विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डा0 जगन्नाथ पाठक ने ऐसे प्रशिक्षण विभाग में लगातार चलते रहने की बात कही। उन्होने यह भी कहा कि ये प्रशिक्षण निश्चित रूप से कृषि एवं पशु सखियों को तकनीकी रूप से दक्ष बनायेगे। प्रशिक्षण के आयोजक सचिव, डा0 देव कुमार ने बताया कि जनपद के सभी आठ विकास खण्डो की कृषि एवं पशु सखियों का प्रशिक्षण चार चरणों में किया जाना है। जिसमें से प्रथम चरण में बड़ोखर खुर्द की 72 महिलाओं का प्रशिक्षण कोरोना प्रोटोकाल का पालन करते हुए 2 बैच में कराना निश्चित किया गया है। प्रथम बैच के प्रशिक्षण में 36 प्रतिभागियों द्वारा सहभागिता की गयी। पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभागियों को केंचुआ खाद उत्पादन की तकनीकियो, उत्पादन विधि, पोषण वाटिका की स्थापना, बीज उपचार से रोग एवं पोषण प्रबंधन, पशु पाठशाला, पशु आहार, आवास एवं चारा प्रबंधन , पशु रोग एवं स्वास्थ्य प्रबंधन, एकीकृत कृषि प्रणाली, तरल वायो उर्वरक निर्माण, जैविक खेती का महत्व, पोषक तत्व प्रबंधन, केंचुुआ खाद विपणन, मृदा स्वास्थ्य आदि पर प्रायोगिक माध्यम से  विस्तृत प्रशिक्षण दिया गया।
प्रशिक्षणार्थियों ने पांच दिवसीय प्रशिक्षण की विभिन्न गतिविधियों में बढ़ चढ कर हिस्सा लिया एवं केंचुआ खाद उत्पादन एवं प्रयोग की बारिकियों को सीखा। प्रशिक्षणार्थियों में श्रीमती राजू व श्रीमती कमला ने अपने  विचार प्रकट किये। जिला मिशन प्रबंधक आजीविका बाँदा श्री सुनील कुमार सिंह ने प्रशिक्षणार्थियों को सीखी गयी तकनीकों को उद्यम के रूप में अपनाकर आय सृजन के लिये प्रेरित किया। मोहन सिंह एवं प्रभात कुमार, ब्लाक मिशन मैनेजर ने उच्चस्तरीय प्रशिक्षण के आयोजन के लिये विश्वविद्यालय को धन्यवाद ज्ञापित किया। डा0 जे0 के0 तिवारी, डा0 आनन्द कुमार चौबे, डा0 अरविन्द कुमार गुप्ता, डा0 वैशाली गंगवार तथा एन0 आर0 एम0 एम0 बाँदा से अमित कुमार चौहान, प्रभात कुमार बी0 एम0 एम0 आजीविका प्रभास कुमार, प्रेम कुमार का विशेष सहयोग रहा । कार्यक्रम का संचालन डा0 अमित मिश्रा द्वारा किया गया। सभी प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण प्रमाण पत्र एवं बुन्देलखण्ड क्षेत्र में जैविक केचुआ उत्पादन करने के लिए केंचुआ का कल्चर बैग भी दिया गया।

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