हिफजुर्रहमान जिला-संवाददाता अवधनामा
चुनाई में प्रयोग की जा रही है घटिया ईंटें
मौदहा। जनपद हमीरपुर के मौदहा क्षेत्र पंचायत कार्यालय का नाम आते ही क्षेत्र वासियों के मष्तिष्क में भष्टाचार की लम्बी फेहरिस्त आजाती है। चाहे ग्राम पंचायतों में होनें वाले काम हों या क्षेत्र पंचायत द्वारा कराए जा रहे कार्य हों सभी कार्यों में मानक की धज्जियां उड़ाई जाती हैं। कर्मचारियों तथा जनता के प्रतिनिधियों की मिलीभगत से सरकारी धन का खूब दुरुपयोग किया जाता है और जब किसी घोटाले को मीडिया उजागर करती है तो जांच बैठाकर मामलें को रफा दफा कर दिया जाता है। इस का ताजा उदाहरण अरतरा गांव में क्षेत्र पंचायत द्वारा कराए जा रहे नाला निर्माण में भारी पैमाने पर धांधली की जा रही है। नाले में घटिया ईंट का प्रयोग किया गया है। नाले की सतह में भी कोई मसाला नहीं लगाया गया है। चुनाई में बेहद घटिया मसाला का प्रयोग किया जा रहा है। बीडीओ का कहना है कि उनके पास कोई शिकायत नहीं आई है, मगर अब पता चला है तो जांच कराएंगे।
जनपद में भ्रष्टाचार के मामलों में मौदहा विकासखंड हमेशा सुर्खियों में रहता है। कभी आवास घोटाला तो कभी मनरेगा जॉब कार्ड घोटाला, शौचालय घोटाला सहित विकास कार्यों के निर्माण घोटाले में भारी धांधली के कई मामले उजागर भी हो चुकेहैं। ताजा मामला क्षेत्र पंचायत द्वारा ग्राम पंचायत अरतरा में परछछ निकास की ओर बनने वाले स्वीकृत नाले का है। नाला निर्माण में भारी धांधली हो रही है। लगभग 80 मीटर नाला की अनुमानित लागत लगभग नौ लाख बताई जा रही है। इस नाला निर्माण में तीसरे नंबर के ईटे का प्रयोग हो रहा है। चुनाई के लिए बनाए गए मसाला में मानक का बिल्कुल भी ख्याल नही रखा गया है। नाले की निचली सतह का बेस ही नहीं बनाया गया है। इसमें नाममात्र की ईंटा, रोड़ा कुटवाकर उसमें एक इंच से भी कम साधारण मसाले का प्रयोग किया गया है जो समय से पूर्व ही पानी के तेज बहाव के साथ बह सकता है।
इस संबंध में खंड विकास अधिकारी भैरव प्रसाद से बात की गई तो उन्होंने बताया की मिडिया के माध्यम से हम तक घटिया निर्माण की सूचना मिली है लेकिन अभी तक हमारे पास कोई लिखित शिकायत नही आई है जब लिखित शिकायत आएगी तो जांच कर दोषियों पर उचित कार्यवाही की जाएगी। खंड विकास अधिकारी का लिखित शिकायत आनें का इन्तिज़ार करना हास्यास्पद उत्तर लगता है। सरकारी विकास कार्य में मानक की धज्जियां उड़ाई जा रही है जिसकी खबर समाचार पत्रों में हर दिन छ्प रही है, उस प्रकरण में खंडविकास अधिकारी का लिखित शिकायत आनें पर जांच की बात कहना समझ से परे है।