अवधनामा संवाददाता
नगर निगम के कार्याे में सहयोग के लिए अधिकारियों एवं स्टाफ का जताया आभार
सहारनपुर। नगरायुक्त ज्ञानेंद्र सिंह ने कहा कि उन्हें यह संतोष है कि वह नगर निगम सहारनपुर की एक अलग पहचान बना सके। आज लोग निगम की प्रशंसा करते है। उन्होंने कहा कि हर किसी को अपनी अपने क्षेत्र में अलग पहचान बनानी चाहिए।
नगरायुक्त संयुक्त प्रबंध निदेशक जल निगम लखनऊ के पद पर मंगलवार की देर शाम स्थानांतरित होने के बाद अज कार्यालय पहुंचे तो निगम के सभी अधिकारियों और स्टाफ ने उन्हें सुखद भविष्य के लिए शुभ कामनाएं दी। नगरायुक्त ने सभी का कार्याे में सहयोग के लिए आभार जताते हुए कहा कि हम सेवा देने के लिए हैं। सरकार ने हम पर भरोसा करके हमें अपनी सीट पर बैठाया है, हमारा फर्ज है कि हम अच्छा काम करें और अपनी सेवा का श्रेष्ठ दें। उन्होंने कहा कि वह सहारनपुर को एक आदर्श शहर बनाना चाहते थे, उसके लिए अभी काफी कार्य किया जाना है। अभी सहारनपुर महानगर को कुड़ा मुक्त किया जाना बाकि है। उन्होंने उम्मीद जतायी कि जनता के सहयोग से निगम अपने इस लक्ष्य को जल्दी प्राप्त करेगा।
इसके अलावा शहर के अनेक गणमान्य लोग, सफाई कर्मचारी संगठनों के नेता तथा पार्षद भी नगरायुक्त को उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं देने पहुंचे। इन पार्षदों में पुनीत चौहान, भूरासिंह प्रजापति, रेखा रोहिला, नंदकिशोर शर्मा, उमेश शर्मा, रमन चौधरी, अंकुर अग्रवाल, प्रदीप उपाध्याय, हाजी नूरआलम, नौशाद, अभिषेक अरोड़ा टिंकू आदि शामिल रहे। उल्लेखनीय है कि नगरायुक्त ज्ञानेंद्रसिंह का लखनऊ स्थानांतरण होने पर रामपुर की सीडीओ तथा वर्ष 2016 बैच की आईएएस गजल भारद्वाज को उनके स्थान पर नगरायुक्त सहारनपुर बनाकर भेजा गया है।
महानगर के गिल कॉलोनी निवासी दीपेश कपिल पुत्र अक्षय कपिल का चयन संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित भारतीय वन सेवा में हुआ है। दीपेश कपिल ने 47वीं आल इंडिया रैंक अर्जित की है। दीपेश की प्रारम्भिक शिक्षा उनके पैतृक गांव डकरवार कलां से हुई है। इसके उपरांत 12वीं सरस्वती विहार विद्यालय से हुई है। तत्पश्यात दीपेश ने अपनी बी एस सी दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित कॉलेज सेंट स्टीफेंस कॉलेज से की है। गणित में अत्यंत रूचि होने के कारण दीपेश ने प्रसत्नातक करने का निर्णय लिया और आई आई टी जैम में प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण कर आई आई टी रूड़की में दाखिला प्राप्त किया। जहाँ उन्होंने अपनी कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया और उसके पश्चात सिविल सर्विस में अपना करियर बनाने का निर्णय किया। अपनी लगन एवं कड़ी मेहनत से 2021 में उत्तराखंड लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सहायक वन संरक्षक की परीक्षा में आल इंडिया रैंक 13 अर्जित की थी। अपने प्रयास को जारी रखते हुए उन्होंने संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित भारतीय वन सेवा परीक्षा 2021 में सफलता अर्जित की। दीपेश ने ग्रामीण परिवेश से होते हुए यह सिद्ध किया है की प्रतिभा, लगन, अनुशासन, जूनून अगर हो तो सफलता, अवसर और परिस्तिथि की गुलाम नहीं होती। उनकी सफलता में उनके माता पिता के संघर्ष मेहनत को एक स्वरूप प्राप्त हुआ। दीपेश ने अपनी इस उपलब्धि के लिए अपने समस्त कपिल परिवार के सहयोग को श्रेय दिया है।