भारत विश्व गुरु है, धर्म गुरु है और दुनिया में न्यारा- डॉ आरिफ

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अवधनामा संवाददाता
संविधान की अवधारणा पर चलने का लें संकल्प: चतुरानन ओझा
भारत की परिकल्पना विषयक संगोष्ठी सम्पन्न
कुशीनगर। नगर पालिका परिषद कुशीनगर के सिसवा- महन्थ स्थित श्री राधाकृष्ण इंटर कालेज में मंगलवार को आयोजित राष्ट्रीय एकता, शान्ति, सद्भाव एवं न्याय के लिए “भारत की परिकल्पना” विषयक परिचर्चा आयोजित की गई। मुख्य वक्ता गांधीवादी प्रो. डॉ आरिफ ने कहा कि भारत हजारों सालो से विविध धर्म संस्कृतियों का देश रहा है।
संविधान में एक दूसरे की जिम्मेदारी राज्य की होगी और लोग बेहतर तरीके से एक दूसरे के साथ भाईचारा के साथ अपनी विविधिता को मेंटेन करते हुए रह लेंगे। यह परिकल्पना थी आईडियोलॉजी ऑफ इंडिया की। बेहतर तरीके से मेल जोल, स्वतंत्रता, समता, बन्धुता की बात कही गयी थी। भारत विश्व गुरु है, धर्म गुरु है और दुनिया में न्यारा। भारत की परिकल्पना तभी पूरी होगी जब हम बुद्ध, कबीर, गोरख नाथ, स्वामी विवेकानंद, भगत सिंह, नेहरू को पढ़ेंगे व जानेंगे। गोबर्द्धन प्रसाद गोंड़ ने कहा कि आपसी मेल जोल के लिए सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देना होगा तभी एक सुंदर व खुशहाल भारत बनेगा। चतुरानन ओझा ने कहा कि बुद्ध ने कहा था किसी भी बात को तर्क की कसौटी पर कसो कि क्या गलत है और क्या सही है और तब स्वीकार करो। अपने विवेक से निर्णय लें और आगे बढ़ें। संविधान की मूल अवधारणा लेकर चलें तो सर्वे सुखिना, सर्वे भवन्तु, पुराणों, महापुरुषों के आगे बढ़ा पाएंगे तभी आगे बढ़ने के लिए संकल्पित होंगे। अध्यक्षता हृदया नन्द शर्मा, संचालन धीरेंद्र त्रिपाठी, स्वागत प्रधानाचार्य रामप्रवेश यादव, आभार संजय सिंह, असलम अंसारी, अब्दुल मजीद ने किया।
इस दौरान विनोद जायसवाल, रामकिशोर चौहान, विजय शर्मा, रवि सिंह, राजू, अब्दुल्ला, वकील, अवधेश, आनन्द सिंह, बाबुनन्दन सिंह, पवन शर्मा, अर्जुन कुमार, निखिल, अयूब खान, जवाहर शर्मा, अभिवन पाण्डेय, सत्येंद्र, मुखलाल आदि मौजूद रहे।
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