अवधनामा संवाददाता
सहारनपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सन 2025 में भारत को टीबी मुक्त करने के सपने को साकार करने वाली टीबीकर्मियों की टीम विभाग की अनदेखी का दंश झेल रही है।
उत्तर प्रदेश टीबी कंट्रोल वैलफेयर एसोसिएशन की प्रदेश अध्यक्ष श्रीमति सुनयना अरोड़ा और प्रदेश महामंत्री अमित तोमर के माध्यम से प्रदेश प्रवक्ता एमपी सिंह चावला ने बताया कि विभाग से त्रस्त के कर्मचारियों की ओर से प्रदेश के विभागीय अधिकारियों को पत्र लिख कर जानकारी दे दी गयी है कि टीबी संविदा कर्मी पिछले 20 वर्षाे से कार्य कर रहे है ना तो उनका नियमतिकरण किया जा रहा है और ना ही समय समय पर रिक्त हुए हज़ारो पदों पर पिछले कई वर्षाे से नियुक्ति नहीं दी जा रही है, जिससे कार्यरत कर्मियों को ज्यादा कार्य करना पड़ रहा है। ये ही नहीं ड्यूटी पर मृत्यु होने पर ना तो आश्रित को नौकरी और ना ही कोई वित्तीय सहायता दी जाती है, बल्कि सरकारी के साथ-साथ प्राइवेट टीबी मरीज़ो के मरीज़ के पूरे परिवार की जांच, मरीज़ो का सहमति पत्र, डीबीटी, गोद दिलवाना, उनकी नई-नई जांचे करवानी, एसीएफ तथा सभी बिन्दुओ पर शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल करना, भर्ती पूरी ना होने के कारण एक व्यक्ति से 2 से लेकर 5-5 कर्मचारियों के बराबर का काम लेने के बाद भी बार-बार विभाग द्वारा चेतावनी मिलना, स्थानान्मरण का भय दिखाना, कर्मचारियों की इन सभी समस्याओं के मध्य नज़र प्रदेश अध्यक्ष सुनयना अरोड़ा और प्रदेश महामंत्री अमित तोमर ने ये घोषणा कि है यदि टीबी कर्मियों के खाली पदों पर ली गयी परीक्षा का परिणाम शीघ्र घोषित हो। उन्होंने कहा कि यदि इन प्रकरणों में कोई ठोस कदम ना उठाया गया, तो 15 दिन बाद प्रदेश भर के सभी टीबी संविदा कर्मी संयुक्त रुप से मुख्यमंत्री को सामुहिक इस्तीफा देने पर विवश होंगे, जिसके लिए प्रदेश स्तर के विभागीय अधिकारियों को एसोसिएशन द्वारा लिखित मे पत्र भेज दिया गया है।