शराब ठेके के विरोध में धरने पर बैठे साधु संत

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अवधनामा संवाददाता

मिल्कीपुर अयोध्या।इनायत नगर थाना क्षेत्र के पुलिस चौकी बारून बाजार खिहारन गांव में स्थित अंधी अंधा आश्रम के निकट खुले शराब के ठेका के विरोध में आश्रम के महंत कृष्णाचार्य की अगुवाई में दर्जनों संतो ने आज दोपहर बाद आश्रम के सामने स्थित सड़क पर ही धरने पर शराब की दुकान हटवाने के लिए बैठ गए।
जानकारी मिलने पर पहुंचे प्रभारी निरीक्षक अमरजीत सिंह मौके पर पहुंचकर धरना समाप्त करने के लिए काफी मान मनौव्वल एवं आश्वासन देने के बाद संतों ने धरना प्रदर्शन समाप्त करते हुए जिलाधिकारी को संबोधित ज्ञापन भी सौंपा।
मिल्कीपुर तहसील अंतर्गत पुलिस चौकी बारून बाजार क्षेत्र के खिहारन ग्राम पंचायत स्थित अंधी अंधा आश्रम के निकट शराब की दुकान खुली हुई है, दुकान को बंद करवाने के लिए आश्रम के महंत ने कई बार तहसील प्रशासन से मांग किया था लेकिन प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। जिसके चलते आज रविवार को दोपहर बाद आश्रम के महंत कृष्णाचार्य की अगुवाई में दर्जनों संतो ने रोड पर ही धरने पर बैठ गए और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे जब मामले की जानकारी प्रभारी निरीक्षक कोतवाली इनायतनगर अमरजीत सिंह को हुई तो वे तत्काल पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचकर संतो से मान मनौव्वल करने लगे काफी समय बीत जाने के बाद संतों ने प्रभारी निरीक्षक को जिला अधिकारी के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपते हुए शराब की दुकान हटाने की मांग करते हुए धरना समाप्त किया।
यह अंधा अंधी वही आश्रम है जिसका जिक्र रामचरितमानस एवं पौराणिक कथाओं में है, कहते हैं कि जब श्रवण कुमार कांवर बनाकर अपने माता पिता को चारों धाम की यात्रा पर निकले थे।उसी समय अयोध्या के निकट एक वन में उन्होंने रुक कर रात विश्राम किया जब श्रवण कुमार के माता-पिता को प्यास लगी तो वह पानी लाने के लिए एक सरोवर में गए , उधर राजा दशरथ आखेट के लिए भी उसी वन में आए थे जब श्रवण कुमार पानी भरने लगे उसी वक्त उन्होंने शब्दभेदी बाण चलाया था, इसी स्थान पर श्रवण कुमार के माता पिता पुत्र वियोग में अपना प्राण त्याग दिया था इसका जिक्र कई पुराणों में देखने को मिलता है।
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