अवधनामा संवाददाता
बाराबंकी। बाराबंकी जिले में तमाम लगाम कसने के बाद भी जमीन से जुड़े धोखाधड़ी के मामले थम नही रहे। ऐसे ही एक प्रकरण में वास्तविक भू स्वामिनी की जगह उसी नाम से एक अन्य महिला को खड़ा कर जमीन ग़ैरजनपद में रहने वाले व्यक्ति के नाम कर दी गई। असल भू स्वामिनी को पता चला तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई। एसपी से शिकायत अभी तक बेनतीजा है। पीड़ित न्याय की गुहार लगाते हुए दर दर भटक रही।
प्रकरण कुछ यूं है कि ग्राम लक्षबर बजहा थाना सफदरगंज की रहने वाली रेनू देवी पत्नी मनोज कुमार अनुसूचित जाति की महिला है। उसकी एक किता भूमि गाटा संख्या 1534 रकबा 0.07080 ग्राम लक्षबर बजहा में स्थित है। महिला रेनू को तहसील कार्यालय से पता चला कि गत 4 फरवरी को निबन्धक कार्यालय बाराबंकी में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कथित रेनू देवी नाम की फर्जी महिला को खड़ा कर धर्मेन्द्र सिंह पुत्र देवराज सिंह निवासी कृष्णानगर बाराबंकी व मो फहीम पुत्र अहमद मेहदी, सी ब्लाक पुलिस चौकी इन्दिरा नगर लखनऊ व दो अन्य साथियों की मदद से गुलाम वारिस पुत्र इजहार हुसैन निवासी 88 करनैलगंज रूदर बाजार गोण्डा के हक में पंजीकृत करवा दी गई है। यह पता लगते ही उसके पैरों तले जमीन खिसक गई। जानकारी मिलने के बाद जब पीड़िता ने बैनामें में दर्ज क्रेता व गवाहों के नम्बर पर जब फोन किया तो उन लोगों ने अभद्रता करते हुए जान से मारने की धमकी दी। पीड़िता ने गत 14 जून को पुलिस अधीक्षक से मिलकर पूरे मामले से अवगत कराया। एसपी ने सीओ सदर को मामले की जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश दिये पर अब तक हुई कार्रवाई की भनक पीडिता को नही लग सकी। उधर धोखाधड़ी करने वाले पीड़िता को जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। परेशान महिला रेनू न्याय के लिए इधर उधर भटकने को मजबूर है।
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