अवधनामा संवाददाता
जौनुपर। इस समय ग्रामीण इलाकों में मानसून आने से पूर्व किसान पूरे परिवार के साथ तैयारियों में जुट गए हैं।जिन लोगों के मकान खपरैल के हैं वे अपने घरों की मरम्मत कार्य में जुटे हुए हैं। कच्ची दीवारों पर लोग गोबर और मिट्टी मिलाकर दीवारों पर लेपन का कार्य कर रहे हैं। मड़हो की छवाई का कार्य भी जोरों पर है लोग बांस,सरपत और गन्ने के सूखे पत्तों,अरहर के डण्ठल से यह कार्य पूरा कर रहे हैं। घर में गृहिणियां अचार,खटाई,सिरका बनाने में व्यस्त हैं।जिन क्षेत्रों में अरहर की पैदावार आज भी होती है वहां औरतें अरहर की दाल बना रहीं हैं। इस सम्बन्ध में गांव बामी की गृहणी पुष्पा सिंह कहती हैं कि अचार खटाई सिरके का कार्य बरसात से पहले पूरा हो जाना चाहिए क्योंकि इन्हें बरसात के पहले कई दिनों तक धूप दिखाने की जरूरत होती है। अगर ऐसा न किया गया तो अचार खटाई में फफूंद लग जाती है। शादी विवाह के चलते ज्यादातर प्रवासी ग्रामीण इलाकों में अप्रैल मई महीने में घर आते हैं और अपने कच्चे -पक्के मकानों की मरम्मत और नव निर्माण कार्य भी करवाते हैं जिसके चलते राजमिस्त्रियों की मांग बढ़ जाती है। बिल्डिंग मटेरियल के दाम भी इस समय आसमान छू रहे हैं। खेती के कार्यों में धान की नर्सरी डालने का कार्य जोरों पर चल रहा है। किसान अपने घरों पर तैयार जैविक खाद को भी खेत में ले जाकर डाल रहे हैं।