अवधनामा संवाददाता
सहारनपुर। विख्यात साहितयकार पद्मश्री कन्हैयालाल मिश्र प्रभाकर की जयंती पर उनके आदर्शो व सिद्धान्तों के अनुरूप पत्रकारिता को दिशा व दशा देने का आह्वान किया गया और उनके साहित्य से प्रेरणा लेने का आह्वान किया। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार अखिलेश प्रभाकर को सम्मानित भी किया।
रेलवे रोड स्थित कन्हैया लाल मिश्र प्रभाकर की साधना स्थली पर उनकी जयंती के उपलक्ष मंे कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के संयोजक शासन द्वारा पुरस्कृत शिक्षक बृजेश शर्मा ने बताया कि जनपद सहारनपुर के वरिष्ठ साहित्यकार पद्मश्री डॉ.कन्हैया लाल मिश्र प्रभाकर की जयंती के उपलक्ष में उनके आवास पर ‘प्रभाकर की साहित्यिक साधना’ विषय पर एक लघु गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी को संबोधित करते हुए वरिष्ठ पत्रकार अखिलेश प्रभाकर ने कन्हैयालाल मिश्र प्रभाकर के जीवन व्रत व साहित्य और उनकी लेखन शैली पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि प्रभाकर रिपोर्ताज शैली के जनक माने जाते हैं। देवबंद में जन्मे मूल रूप से कन्हैयालाल मिश्र हिंदी साहित्य के प्रखर लेखक रहे है। उन्होंने दीप जले शंख बजे, माटी हो गई सोना, बाजे पायलिया के घुंघरू, क्षण बोले कण मुस्कराए, धरती के फूल जैसी रचनाएं लिखकर, हिंदी साहित्य का मान बढ़ाने का कार्य किया। वरिष्ठ भाजपा नेता सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि हम सबको प्रभाकर जी के साहित्य से प्रेरणा लेनी चाहिए और उनके साहित्य का प्रचार-प्रसार करना चाहिए तथा समय-समय पर गोष्ठियों के आयोजन के द्वारा उनकी विचारों का जन-जन तक पहुंचाने का कार्य हम सबको मिलकर करना चाहिए। कार्यक्रम के दौरान वरिष्ठ पत्रकार अखिलेश प्रभाकर को कार्यक्रम के संयोजक बृजेश शर्मा, वरिष्ठ ब्राह्मण नेता सुरेंद्र शर्मा, डॉ.शिव कुमार शर्मा, मुकेश कुमार शर्मा, रविंद्र शर्मा ने संयुक्त रूप से स्मृति चिन्ह व पटका पहना कर स्वागत किया। वरिष्ठ भाजपा नेता सुरेंद्र शर्मा व बृजेश शर्मा ने शॉल ओढ़ाकर कर अखिलेश प्रभाकर का सम्मान किया तथा उन्हें अपनी पुस्तकें भी भेंट की। कार्यक्रम के अंत में अखिलेश प्रभाकर ने सभी का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम के दौरान यश प्रभाकर, रविंद्र शर्मा, मुकेश शर्मा, सुरेंद्र शर्मा, डॉ.शिवकुमार शर्मा व अन्य अतिथि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन मुकेश शर्मा व अध्यक्षता अखिलेश प्रभाकर ने की।