अवधनामा संवाददाता
सहारनपुर। राष्ट्रीय लोक अदालत में 53 मोटर दुर्घटना प्रतिकर वादो का निस्तारण एवं राशि 27204325 पीडित पक्षकारो को दिलायी गयी।
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार एवं जनपद न्यायाधीश अश्विनी कुमार त्रिपाठी के निर्देशन में जनपद में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय लोक अदालत में मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण के पीठासीन अधिकारी अनुपम कुमार ने अपने न्यायालय से 53 मोटर दुर्घटना प्रतिकर वाद निस्तारित किये, जो एक बहुत बडी उपलब्धि है एवं ऐतिहासिक निस्तारण है क्योंकि इससे पूर्व इतने अधिक संख्या में एमएसी वाद किसी राष्ट्रीय लोक अदालत मे नही निस्तारित हुए। राष्ट्रीय लोक अदालत में 53 मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण के वाद निस्तारित होने से पीड़ित पक्षकारो की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और वह अपना जीवन प्राप्त प्रतिकर राशि से खुशी-खुशी व्यतीत करेंगे।
भारत में उक्त रक्तचाप की बीमारी से होती है 1.63 मिलियन मौतें: डॉ.पुनीश
सहारनपुर। कार्डियोलॉजी विशेषज्ञ डॉ.पुनीश सडाना ने बताया कि हाईपरटेंशन के प्रति जागरूकता के लिए प्रत्येक वर्ष 17 मई को विश्व हाईपरटेंशन (ब्लड प्रेशर) दिवस मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि उक्त रक्तचाप के प्रति सभी को सदैव जागरूक रहना चाहिए, क्योंकि यह एक साइलेंट किलर हैं।
डॉ.पुनीश सडाना ने विश्व हाईपरटेंशन दिवस की पूर्व संध्या पर कहा कि हमंे इस बीमारी के प्रति सचेत रहना चाहिए। उन्हांेने कहा कि ब्लड प्रेशर का मुख्य कारण अत्यधिक तनाव, मधुमेह, मोटापा, स्ट्रोक, दिल के दौरे और गुर्दे की बीमारी जैसी कई स्वास्थ्य समस्याओं का एक प्रमुख कारण है। बहुत से लोग जो उच्च रक्तचाप से पीड़ित हैं, उन्हें पता ही नही होता हैं क्योंकि इसके कोई लक्षण नहीं हो सकते हैं। अक्सर लोगों को दिल का दौरा या स्ट्रोक होने के बाद ही पता चलता है। जिन लोगों को ब्लड प्रेशर की समस्या है तो उन्हें वह अपने ब्लड प्रेशर को समय -समय पर सही ढंग से मापें और बीपी को कंट्रोल में रखें, तभी आप लंबे समय तक जीवित रहेंगे। विश्व की 30 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या ब्लड प्रेशर से प्रभावित मानी जाती है। ब्लड प्रेशर अत्यधिक बढ़ने की वजह से व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती हैं। उच्च रक्तचाप भारत में एक बढ़ती हुई बहुत बड़ी समस्या है। वर्ष 2016 के जीबीडी अध्ययन के आंकड़ों के अनुसार भारत में उच्च रक्तचाप के कारण 1.63 मिलियन मौतें हुई हैं। हालांकि इसका कोई इलाज नहीं है, निर्धारित दवाओं का उपयोग करने और जीवनशैली में बदलाव करने से हम अपने जीवन में सुधार ला सकते है और हृदय रोग, स्ट्रोक, गुर्दे की बीमारी आदि के जोखिम को कम किया जा सकता है। इस ख़तरनाक बीमारी से बचनें के लिए सभी लोगों को निम्न बातों का ध्यान अवश्य रखना चाहिए जैंसे कि संतुलित आहार खाएं, नमक का कम सेवन करें, शराब का सेवन कम से कम करें, नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए, मानसिक तनाव से दूर रहें, गुस्सा न करें। मोटापा न बढ़ाएं, धूम्रपान न करें, अपनी दवाओं को समय से लेते रहें और नियमित रूप से अपने डॉक्टर से परामर्श लेंते रहना चाहिए, तभी व्यक्ति इस साइलेंट किलर बीमारी से बच सकतें है।