अवधनामा संवाददाता हिफजुर-रहमान
टीबी सभागार में इंटीग्रेटिड एण्टोमोलोजीकल सर्विलेंस टीम का प्रशिक्षण
हमीरपुर : वेक्टर जनित रोगों पर प्रभावी अंकुश लगाने को लेकर शुक्रवार को एक दिवसीय इंटीग्रेटिड एण्टोमोलोजीकल सर्विलेंस टीम का टीबी सभागार में प्रशिक्षण संपन्न हुआ। इस प्रशिक्षण में प्रत्येक ब्लाक से स्वास्थ्य पर्यवेक्षक, लैब टेक्नीशियन, बेसिक हेल्थ वर्कर्स को प्रशिक्षित किया।
एक दिवसीय प्रशिक्षण में आए मण्डलीय कीट वैज्ञानिक डॉ.रविदास ने वेक्टर जनित रोगों के बारे में प्रशिक्षणार्थियों को विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जिन स्थानों पर बड़ी संख्या में लोग डेंगू, मलेरिया या चिकनगुनिया जैसे बुखार से प्रभावित होते हैं तो ऐसे स्थानों पर मच्छरों की पहचान करना आवश्यक होता है कि किन मच्छरों की वजह से बीमारियां फैल रही हैं। समय रहते इन मच्छरों की बढ़वार को रोकने से ही बीमारी पर नियंत्रण किया जा सकता है। उन्होंने डेंगू और मलेरिया बुखार के मच्छरों की सही पहचान के बारे में भी जानकारी दी। इसका डैमो भी करके दिखाया। उन्होंने बताया कि कीटनाशक दवाओं केछिड़काव के बाद से मच्छरों पर क्या प्रभाव पड़ा, इसका भी समय-समय पर अध्ययन करना आवश्यक होता है।
जिला मलेरिया अधिकारी आरके यादव ने बताया कि जनपद के सभी ब्लाकों के दो-दो संवेदनशील गांवों को चिन्हित किया गया है, जहां विगत वर्षों में डेंगू और मलेरिया के मरीज मिले हैं। रैपिड रेस्पॉन्स टीमें भी क्षेत्र में वेक्टर जनित रोगों की रोकथाम को लेकर लगी हुई हैं। मलेरिया-फाइलेरिया इंसपेक्टरों की भी तैनाती की गई है। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण का उद्देश्य मच्छरों की सही पहचान और उनकी रोकथाम करना है। इस प्रशिक्षण में सभी ब्लाकों से एक-एक स्वास्थ्य पर्यवेक्षक, लैब टेक्नीशियन/लैब असिस्टेंट और बेसिक हेल्थ वर्कर्स ने प्रशिक्षण प्राप्त किया।
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