शहर की फिजा को पुरअमन बनाए रखने में वकार रिजवी ने अहम किरदार अदा किया: प्रो. शारिब रुदौलवी
होनहार छात्रों को दी गई वकार रिजवी मेमोरियल स्कॉलरशिप
वकार रिजवी की पुस्तक ‘मेरा नजरिया मेरी बात’ का किया गया विमोचन
लखनऊ। अवधनामा एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा पेपर मिल कॉलोनी निशात गंज स्थित कैफ़ी आज़मी अकादमी में प्रसिद्ध पत्रकार एवं समाजसेवी स्व वक़ार रिज़वी के लेखों के संकलन पर आधारित पुस्तक ‘मेरा नज़रिया मेरी बात’ का विमोचन पूर्व राज्यपाल उत्तरप्रदेश श्री राम नाइक, उत्तरप्रदेश के कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल, प्रोफेसर शारिब रुदौलवी, डॉ अम्मार रिज़वी, संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष शुक्ला, मशहूर न्यूरो चिकित्स्क डॉ असद अब्बास द्वारा किया गया। इस पुस्तक में स्व वक़ार रिज़वी द्वारा 2014 से लेकर उनकी मृत्यु से पूर्व लिखे गए शैक्षिक, समाजिक, सांप्रदायिक सौहार्द पर लिखे गए लेखों को प्रमुखता से प्रकाशित किया गया है। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रोफेसर शारिब रुदौलवी ने की।
इस प्रोग्राम में मुख्य अतिथि के रूप में आए उत्तर प्रदेश श्री राम नाइक ने कहा कि ‘मेरा नज़रिया मेरी बातÓ में जो तहरीरे मौजूद है उसमें वकार रिजवी ने बहुत बेबाकी से अपनी बात रखी है। आज कल कई अखबारों में खुद एडिटर के नजरिया और राय कम पढऩे को मिलती है। ऐसे में अवधनामा अखबार निकालने वाले वकार रिजवी अपना नजरिया अपनी बात इदारिया में लिखते रहते थे। तो मुझे ताज्जुब भी होता रहता और दिल ही दिल में उनका मद्दाह बन गया। ये इदारिये यहां मौजूद सबको अपनी बात को अच्छे ढंग से रखने का सलीका सिखाते है। उन्होंने कहा कि वकार रिजवी ने अपने इदारियों के जरिए सामाजिक खिदमात अंजाम दी और उस मिशन पर आखिर वक्त तक कायम रहे। वकार रिजवी अपने इदारियो में किसी की खुदामद नही कर रहे थे बल्कि समाज की भलाई के बारे में लिख रहे थे ऐसे जर्नालिस्ट को मैं अपनी सच्ची श्रद्धांजलि पेश करता हूं।
मुख्य अतिथि पूर्व राज्यपाल उत्तर प्रदेश श्री राम नाइक, उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल रहे। इस अवसर पर अपने अध्यक्षीय भाषण में शारिब रुदौलवी ने कहा की जिस तरह से अपनी छोटी सी जि़ंदगी में वक़ार रिज़वी ने बड़ी निर्भीकता से समाज को एक करने में, भ्रांतियों को दूर करने में तेज़ी दिखाई उससे अब लगता है कि वह जानते थे कि उनकी उम्र कम है काम ज़्यादा है बगैर एक लम्हा गवाए वह उसको पूरा करना चाहते थे। उन्होने कहा कि शिक्षा से समाज जोडऩे की उनकी कोशिश जारी थी। मेहनती और पढऩे में रुचि रखने वाले वाले छात्रों की मदद के लिए वह धर्म जाति नहीं देखते थे। आर्थिक रूप से कमज़ोर छात्रों को शिक्षा में आगे रखना चाहते थे उनकी आम छात्रों की यूनिवर्सिटी कि स्थापना का सपना अधूरा रह गया उनकी पत्नी तकदीस फातिमा ने जिस तरह से उनके मिशन को आगे बढ़ाने का बीड़ा उठाया ऐसे संकट के दौर में जब पति नहीं हैं बच्चे छोटे हैं घर के साथ साथ निष्पक्ष मीडिया हाउस चलाना, निर्धन छात्रों को वक़ार रिज़वी के मिशन को आगे बढ़ाते हुए वक़ार रिज़वी मेमोरियल स्कॉलरशिप की स्थापना करके पहले ही वर्ष में 11 छात्र छात्रों का चयन करना काबिले-तारीफ है। उन्होने कहा कि इसमें खुुन-खुन जी कॉलेज की प्राची शर्मा का नाम शामिल है जो यह दर्शाता है कि सभी वर्ग को शिक्षा दिलाना वक़ार रिज़वी के मिशन को आगे बढ़ाया जा रहा है।
संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष शुक्ला ने कहा कि वक़ार भाई सभी को साथ में जोडऩे का हुनर जानते थे उर्दू राइटर्स फोरम के द्वारा बड़ी संख्या में उर्दू हिंदी साहित्यकारों और शायरों को साथ में जोड़ा बड़ी सादगी के साथ एक आम इंसान जैसे दिखने वाले वक़ार रिज़वी के लेखों उनके कार्यक्रमों से उनकी शख्सियत की पहचान होती है उनके लेख बड़ी बेबाकी से समाज को जागरूक करने का काम करते थे उनको सच लिखने बोलने में डऱ नहीं लगता था उनके कार्यक्रमों में सभी धर्मों की महान शख्सियतों को एक साथ देखकर लगता था हिंदुस्तानी तहज़ीब को एक गुलदस्ते में सजा कर रख दिया है। डॉ असद अब्बास, डॉ अम्मार रिज़वी ने कार्यक्रम को सम्बोधित किया और कहा कि वक़ार रिज़वी के शिक्षा के मिशन को आगे बढ़ाना उनको सच्ची श्रद्धांजलि है। उन्होने कहा की समाज के लिए सबसे ज़्यादा ज़रूरत शिक्षा की होती है वक़ार रिज़वी के नाम से स्कॉलरशिप शुरू करना बहुत अच्छा काम है। उन्होने कहा कि हमारी सरकार शिक्षा के स्तर को सुधारने में बड़ा काम कर रही है। आशीष पटेल ने कहा कि वक़ार रिज़वी हमेशा लोगों के दिलों में जि़ंदा रहेंगे उनका मिशन अच्छा था जो उनका परिवार आगे जारी रख रहा है। मंत्री ने कहा कि उनके लेख समाज को जागरूक करने वाले थे।
कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर साबिरा हबीब ने किया। धन्यवाद ज्ञापित करते हुए वक़ार रिज़वी कि बेटी समन ज़हरा रिज़वी ने कहा कि आप लोगो ने इस कार्यक्रम में आने का कष्ट किया जिसका हम अपने परिवार की ओर से शुक्रिया अदा करते हैं मेरे पिता ने सिर्फ पत्रकारिता ही नहीं समाज सेवा के लिए जो कार्य किये हैं उससे आज हम लोगों को फख्र है उनकी सेवाओं को हमेशा याद रखा जायेगा उनके मिशन को आगे बढ़ाने के लिए उनका परिवार हमेशा तैयार है और रहेगा।