अवधनामा संवाददाता
गर्भावस्था में तीन माह बाद पता चल सकता है कि गर्भ में पल रहा बच्चा थैलेसीमिया से ग्रसित तो नहीःसीएमओ
सुलतानपुर। विश्व थैलेसीमिया दिवस पर जिला चिकित्सालय ब्लडबैंक में गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ.डीके त्रिपाठी ने उपस्थित डाक्टर, स्वास्थ्य कर्मी व आए हुए गणमान्यों को संबोधित करते हुए कहाकि आज थैलेसीमिया से ग्रसित मरीजों को बगैर रक्तदान किये उन्हें रक्त दिया जा रहा है। थैलेसीमिया की रोकथाम के लिए जागरूकता बहुत आवश्यक है। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ.डीके त्रिपाठी ने कहाकि महिलाओं के गर्भावस्था के तीन माह के दौरान एकबार जांच अवश्य करवाना चाहिए, जिससे गर्भ में पल रहे बच्चे के बारे में पता चल सकता है कि बच्चा स्वस्थ हैं तथा थैलेसीमिया जैसी बीमारी से मुक्त है। सीएमओ डॉ.त्रिपाठी ने गोष्ठी को संबोधित करते हुए कहाकि थैलेसीमिया से बचाव के लिए जागरूकता बहुत आवश्यक है। जिला अस्पताल के वरिष्ठ एनेस्थेटिक/प्रभारी ब्लडबैंक डॉ.आरके मिश्र ने गोष्ठी में आए हुए लोगों को थैलेसीमिया रोग के बारे में विस्तार से बताते हुए कहाकि थैलेसीमिया बीमारी की जांच यदि समय रहते हो जाए तो प्रारंभिक दौर में ही थैलेसीमिया का पता चल जाता हैं, जिससे ग्रसित मरीजों का उपचार शुरू किया जा सकता है। डॉ.मिश्र ने बताया कि जनपद का ब्लडबैंक अयोध्या, प्रतापगढ़, सुलतानपुर के अतिरिक्त अन्य जनपदों के लगभग 150 थैलेसीमिया ग्रसित मरीजों को बगैर रक्तदान करवाएं खून दे रहा है। उन्होनें कहाकि जिला चिकित्सालय ब्लडबैंक ने कोविड़ काल में 800 यूनिट ब्लड कोरोना ग्रसित मरीजों को दिया था। उक्त अवसर पर मुख्य चिकित्साधिक्षक, ब्लडबैंक के कर्मचारियों में लैब टेक्निशियन विजय चौधरी, धर्मेंद्र यादव, अवनीश शाह, देवनाथ, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी में शमशाद बाबा, कुलदीप, सन्जू, राजेश तथा चंद्रिका, रेनू मिश्रा सहित तमाम स्वास्थ्य कर्मी मौजूद रहे।