किशोर अवस्था में माता – पिता को विशेष ध्यान देने की जरूरत: डॉ . सौरभ टंडन

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अवधनामा संवाददाता

प्रयागराज। आपसी सम्मान और भरोसा किसी रिश्ते के लिए जरूरी होता है, जब आपसी सम्मान और भरोसे का आभाव होता है वहां कोई रिस्ता समय से पहले समाप्त होता है जिससे स्त्री या पुरुष दोनों को तनाव हो सकता है और स्वस्थ समाज का निर्माण नहीं होता।.

उपर्युक्त बात करते हुए मनोचिकित्सक डॉ सौरभ टंडन ने अवधनामा संवाददाता प्रज्ञा वत्सल मिश्रा को बताया कि किशोर अवस्था एक ऐसी अवस्था होती है जब युवाओं को सँभालने की जरूरत सबसे ज्यादा होती है, इस उम्र में तमाम शारीरिक विकास होते हैं, हार्मोनल बदलाव होते हैं और बच्चों को मां बाप का साथ कम अच्छा लगता है बल्कि विपरीत सेक्स के प्रति लगाव ज्यादा होता है , किशोर अपने दोस्तों पर घरवालों से जायदा भरोसा करने लगते हैं , जिसमें गलत कदम उठने की सम्भावना ज्यादा होती है , डॉ टंडन के अनुसार किशोर अवस्था में माता – पिता को विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है और बच्चों की रूचि पर बात करनी चाहिए। .

एक सवाल के जवाब में डॉ टंडन ने कहा कि लिव इन रिलेशन शिप केवल जिम्मेदारियों से भागने का एक माध्यम है, लोग भविष्य की जिम्मेदारी नहीं उठाना चाहते हैं, जबकि लिव इन रिलेशनशिप में रहने से एक ऐसा सम्बन्ध कायम होता है जिसमें एक पार्टनर दूसरे पर निर्भर हो जाता है और जब उसकी आवश्यकताएं नहीं पूरी होती हैं तो रिश्तों में दरार आणि चालू होती है।.

डॉ टंडन के अनुसार आज रिलेशनशिप को लोग बहुत साधारण अर्थ में लेते हैं और उसे निभाते नहीं हैं बल्कि वह समाज की निगाह में चलता रहता है, ऐसे में कोई न कोई तनाव में रहता है और किसी न किसी तरह के बीमारी का शिकार हो जाता है, अच्छे रिलेशन के लिए डॉक्टर अच्छी सलाह दे सकते हैं, उन्हें रिलेशन की वैल्यू बता सकते हैं और गंभीर स्थिति में दवाइयां भी दी जाती हैं।.

 

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