अवधनामा संवाददाता
बाराबंकी। जिला प्रशासन व सिंचाई विभाग की उदासीनता के कारण नहरों में पानी नही है। मजबूर होकर किसानों को मेंथा फसल की सिंचाई किराए पर करवानी पड़ रही है।
यह बात वरिष्ठ किसान नेता एवं सदस्य जिला पंचायत रामबरन वर्मा ने मोहम्मद इस्माइल के आवास पर सिंचाई विभाग की लापरवाही व उदासीनता से किसानों को नहरों से पानी ना मिलने को लेकर आयोजित बैठक में कही। उन्होंने कहा कि कि पूरे जनपद में 301 नहरे तो हैं। इसके बाद भी जिला प्रशासन किसानों को फसल के समय पानी नहीं दिला पा रहा है। देश में किसानों की छोटी से छोटी समस्या तुरंत निस्तारित करने का ढिंढोरा पीटा जाता है। राजधानी से सटे बाराबंकी की नकदी फसल के रूप में मेंथा की खेती की जा रही है। इसके लिए समय-समय पर पानी की आवश्यकता है। सिंचाई विभाग हमेशा पानी देने का कार्य वादा तो करता है किंतु फसल के बोने के बाद समय से पानी ना मिलने के कारण किसानों को किराए से सिंचाई व्यवस्था करनी पड़ती है। इस कारण किसानों की लागत भी नहीं निकल पा रही है। यदि शीघ्र ही नहरों में पर्याप्त मात्रा में पानी टेल तक नहीं पहुंचाया गया तो जन आंदोलन किया जाएगा। किसान नेता विक्रांत सैनी ने कहा कि सरकार समय से नहरों में पानी नहीं दे पाती, फसल तैयार हो रही होती है, तब बिलकुल नही मिलता। श्री सैनी ने कहा कि सरकार एमएसपी का रेट नहीं दे पा रही है। मजबूर होकर किसान प्राइवेट सिंचाई ब्लैक में खाद और बिचौलियों के हाथ में अपनी फसल औने पौने दामों में बिचौलियों से बेचने को मजबूर है। यदि जिला प्रशासन किसानों की समस्याओं के प्रति गंभीर नहीं हुआ तो शीघ्र ही आंदोलन किया जाएगा। किसान यूनियन के निहाल अहमद सिद्दीकी ने कहा कि पूरे जनपद में 1530 किलोमीटर नहर का जाल बिछा है किंतु उसके बाद भी किसान अपनी फसल के लिए प्राइवेट पंपिंग सेट से सिंचाई करने को मजबूर है। इस अवसर पर मुख्य रूप से किसान नेता विक्रांत सैनी, चौधरी कमालुद्दीन, मनीष यादव, उमेश यादव, मोहम्मद जाबिर, मोहम्मद शाहरुख मलिक अजय यादव मुकेश मोहम्मद रियाज, मो जुनेद, संजय यादव रवि शंकर यादव आदि उपस्थित रहे।
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