नेपाल और भारत के बीच बड़े सहयोग की जमीन तैयार, सहमति पत्र पर हुए हस्ताक्षर

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  • भारत ने नेपाल को पर्याप्त पेट्रोलियम उत्पादों की आपूर्ति आगे भी जारी रखने का आश्वासन
  • समझौते के बाद अब नेपाल में धड़ल्ले से चलेगा रुपे कार्ड

नई दिल्ली। नेपाल में पनबिजली परियोजनाओं की अथाह संभावनाएं हैं। भारतीय कंपनियों ने वहां कुछ परियोजनाएं लगाई भी हैं लेकिन अब इस क्षेत्र में सहयोग की अपार संभावनाओं के द्वार खुल गए हैं। दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच हुई बैठक में बिजली क्षेत्र में भावी सहयोग के दृष्टि प्रपत्र को स्वीकृति दी गई। इससे साझा तौर नेपाल में बिजली परियोजनाएं लगाई जाएंगी। दोनों देशों में बिजली के आदान-प्रदान के लिए ट्रांसमिशन लाइनें बिछाई जाएंगी।
आपसी हित को देखते हुए साझा बिजली कारोबार किया जाएगा यानी एक देश की बिजली दूसरे देश में आसानी से खरीदी बेची जा सकेगी। दोनों देश एक दूसरे को तकनीकी जानकारी भी देंगे व दोनों की नेशनल ग्रिडों के बीच भी समन्वय स्थापित होगा।
भारत ने नेपाल को पर्याप्त पेट्रोलियम उत्पादों की आपूर्ति आगे भी जारी रखने का आश्वासन दिया है। इस संदर्भ में सरकारी कंपनी आइओसी (इंडियन आयल कारपोरेशन) और नेपाली कंपनी एनओसी (नेपाल आयल कारपोरेशन) के बीच सहमति पत्र पर हस्ताक्षर हुए हैं। आइओसी, एनओसी को तकनीकी दक्षता व जानकारी भी देगी ताकि नेपाल में आगे चलकर रिफाइनरी क्षमता स्थापित की जा सके।
नेपाल को कई तरह के होंगे आर्थिक लाभ
नेपाल ने भारतीय कंपनियों को अपने यहां पनबिजली बिजली परियोजना लगाने के लिए आमंत्रित किया है। हाल ही में भारत सरकार ने नेपाल में तैयार बिजली को भारत लाये जाने के एक प्रस्ताव को स्वीकृति दी है। इस बारे में दोनों देशों के बीच पहले से ही सहयोग है लेकिन अब यह ज्यादा व्यापक होगा ताकि आसानी से बिजली की खरीद-बिक्री हो सके। इससे नेपाल को कई तरह के आर्थिक लाभ होंगे व रोजगार के अवसर पैदा होंगे। इस संदर्भ में मोदी व देउबा ने पंचेश्वर मल्टीपरपज परियोजना के विकास की भी समीक्षा की। इस साल भारत, नेपाल से काफी ज्यादा बिजली की खरीदेगा।
नेपाल ने अंतरराष्ट्रीय सोलर एलायंस में शामिल होने की भी सहमति दी है। शिखर बैठक में रक्सौल (बिहार) और काठमांडू के बीच रेलवे लाइन बिछाने की परियोजना की समीक्षा की गई।
भारतीय कंपनी इसकी विस्तृत कार्य योजना (डीपीआर) तैयार कर रही है। भारत की मदद से लगाई जाने वाली दो अन्य रेलवे परियोजनाओं जोगबनी-बिराटनगर और जयनगर-बार्दीबास परियोजना की भी समीक्षा की गई।
शनिवार को पीएम मोदी व पीएम देउबा ने जयनगर व कुर्था पैसेंजर रेल सेवा का उद्घाटन किया जो जयनगर-बार्दीबास परियोजना का ही हिस्सा है। विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला ने काठमांडू-रक्सौल रेल परियोजना को गेमचेंजर परियोजना कहा है। सनद रहे कि पिछले हफ्ते जब चीन के विदेश मंत्री वांग यी काठमांडू पहुंचे थे तब उन्होंने चीन व नेपाल के बीच रेलवे नेटवर्क बिछाने की बात कही थी।
मोदी व देउबा के बीच बाढ़ प्रबंधन को लेकर भी चर्चा हुई। भारत की तरफ से नेपाल में बाढ़ के पानी का सही इस्तेमाल के लिए एक रिपोर्ट तैयार की जा रही है। दोनों देशों के बीच भारतीय रुपे कार्ड के नेपाल में इस्तेमाल करने को लेकर भी एक समझौते पर हस्ताक्षर हुए। नेपाल स्थित 1400 एटीएम से अब रुपे कार्ड रखने वाले ग्राहक पैसे की निकासी कर सकेंगे। इससे नेपाल जाने वाले भारतीय पर्यटकों को सहूलियत के साथ नेपाल की इकोनमी को भी फायदा होगा।

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