अवधनामा संवाददाता
वेद ईश्वर की वाणी है : आचार्य भवदेव शास्त्री
महरौनीललितपुर (Mehrouni Lalitpur)– महर्षि दयानन्द सरस्वती योग संस्थान आर्य समाज महरौनी के तत्वावधान में आयोजित जूम एप पर पांच दिवसीय वैदिक धर्म प्रचार महोत्सव को संबोधित करते हुए भवदेव शास्त्री अजमेर ने बताया कि वेद ही ईश्वर की वाणी है सृष्टि के आदि में परमात्मा ने मानव मात्र के कल्याण के लिए वेदों का ज्ञान दिया वेद में संपूर्ण विज्ञान है चिकित्सा विज्ञान खगोल विज्ञान वास्तु विज्ञान आदि सभी का प्रारंभ वेद से ही होता है उन्होंने बताया कि ईश्वर को मानने वाले व्यक्ति कभी भी भ्रष्टाचार दुराचार आदि का पाप नहीं करता, जो आस्तिक होता है वह कभी कोई बुरा काम नहीं करता, क्योंकि वह यह जानता है कि ईश्वर सब जगह है वह मुझे देख रहा है इसलिए वह कभी भी कोई गलत काम नहीं करेगा ।
उन्होंने श्रोताओं को संबोधित करते हुए बताया कि ईश्वर का मुख्य नाम ओम है ईश्वर की अनंत विशेषताओं के कारण से ईश्वर के अनेक नाम हैं ब्रह्मा विष्णु शिव आदि यह ईश्वर की विशेषताओं के ही नाम है ईश्वर के सच्चे स्वरूप को न समझने के कारण से आज हम ने अनेक ईश्वरो की कल्पना कर ली है । वेद ईश्वर के सच्चे स्वरूप को बताते हुए हम सबको एक ईश्वर की उपासना की प्रेरणा देते हैं। स्वामी सुरेन्द्रानंद सरस्वती श्रुति ट्रस्ट दिल्ली ने कहा कि महर्षि मनु ने वर्ण व्यवस्था प्रतिष्ठापित कर ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य शुद्र चारो का बराबर सम्मान से जीने का अधिकार दिया। योगाचार्य श्रुति सेतिया फरीदाबाद ने गीत के माध्यम से महर्षि दयानन्द सरस्वती और आर्य समाज का गुणगान किया । आयोजन को सफल बनाने में प्रधान मुनि पुरुषोत्तम नारायण दुबे आर्य,जयनारायण आर्य महाराजपुर,शिव कुमार यादव बिजौर,अशोक सूरी मंत्री झाँसी,परमानंद सोनी भोपाल आदि का सहयोग मिल रहा हैं। संचालन संयोजक लखन लाल आर्य एवं आभार डॉ राजेन्द्र प्रकाश श्रीवास्तव ने जताया।