अवधनामा संवाददाता
जलालपुर अम्बेडकरनगर। पूर्वांचल में अपनी अलग पहचान रखने वाले शिया बाहुल्य जलालपुर में जाफराबाद स्थित इमामबाड़े व छोटे इमामबाड़ा समेत विभिन्न अजाखानो में पहली मुहर्रम को मजलिसों का आयोजन शुरू हो गया जहां शासन की गाइडलाइंस के मुताबिक सीमित लोग ही मजलिसों में शामिल हो रहे हैं। कोरोनावायरस के चलते इस बार भी मजलिसों के सामूहिक रूप से आयोजन पर प्रतिबंध है। नवास-ए-रसूल हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम व उनके 72 साथियों के शहादत की याद में मनाए जाने वाले मुहर्रम के मौके पर शिया मुसलमान सियाह लिबास धारण कर इमामबाड़ों व अजाखानो में आयोजित मजलिसों में शरीक हो रहे हैं। जाफराबाद स्थित मोहम्मद ईसा, शब्बीर हुसैन, इरफान हाजी,फ ईक हुसैन के आवास पर मजलिसों का आयोजन किया गया। नगर के अलावा सर्किल के नगपुर, उस्मानपुर, सोनगांव, बड़ा गांव,उफरौली,अरई, हुसैनपुर, भियांव दरगाह,दुल्हूपुर कोरझा,पैकौली, मुंडेरा, हाफ़िज़ पुर में मुहर्रम के कार्यक्रमों का आयोजन शुरू हो गया है। मुहर्रम कमेटी के अध्यक्ष इब्ने अली जाफरी अहसन रज़ा मीसम, कल्बे हसन, इब्ने अब्बास गुलशन, मुजफ्फर हुसैन, प्रधान नगपुर नन्हे,रहबर मेहदी, सभासद लल्ला आदि ने नगर व क्षेत्र में आयोजित मुहर्रम के कार्यक्रमों में शासन द्वारा निर्धारित 50 व्यक्तियों के शामिल होने की अपील की है, जिससे कोरोना महामारी की चुनौतियों का सामना किया जा सके। बुद्धजीवियों ने कहा कि मुहर्रम शोक का त्योहार है इसे शांतिपूर्ण ढंग से मनाएं। मुहर्रम कमेटी ने अजाखानो व इमामबाड़ों के आस पास कोविड के मद्देनजर साफ सफाई की समुचित व्यवस्था नगर पालिका प्रशासन से की है। मुहर्रम के मद्देनजर ताजियादारो व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ पूर्ण रूप से सहयोग किए जाने समेत विभिन्न मुद्दों पर कई दौर की वार्ता हो चुकी है।