प्रयागराज में बाढ़ का कहर, घरों की पहली मंजिल तक घुसा पानी, लोगों ने छतों पर जमाया डेरा

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Flood havoc in Prayagraj, water entered the first floor of the houses, people camped on the roofs

अवधनामा संवाददाता

प्रयागराज (Prayagraj): संगम नगरी प्रयागराज में गंगा और यमुना दूसरे दिन भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. साथ ही टोंस और ससुर खदेरी जैसी छोटी नदियां भी जबरदस्त उफान पर हैं. इन नदियों में आई बाढ़ ने शहर से लेकर ग्रामीण इलाके तक जबरदस्त तबाही मचा रखी है. बाढ़ के कारण लाखों लोग प्रभावित बताए जा रहे हैं. दर्जनों मोहल्ले और गांव बाढ़ की चपेट में आकर टापू बन गए हैं.

बेघर हुए हजारों लोग

बाढ़ के कारण हजारों की संख्या में लोग बेघर हो गए हैं. बेघर लोग सुरक्षित जगहों या राहत कैम्पों में शरण लेने को मजबूर हैं. निचले इलाकों बनी कॉलोनियों में पानी घुस चुका है. आलम ये है कि सैकड़ों मकानों की पहली मंजिर बाढ़ के पानी में डूब चुकी है. कई परिवारों ने घरों की छत पर ही डेरा जमाया हुआ है.इतना ही नहीं, सड़कें व रास्ते भी बाढ़ के पानी में समा गए हैं. जिन रास्तों पर हफ्ते भर पहले वाहन तेजी से फर्राटा भरते थे. गंगा और यमुना की उफान मारती लहरों के बीच आज उन सड़कों पर नाव से जाते हुए भी डर लग रहा है. ग्रामीण इलाकों में तो कई गांवों व इलाकों का संपर्क ही बाहरी दुनिया से कट गया है.

राहत और बचाव कार्य जारी

अधिकारियों का दावा है कि नदियों का जलस्तर अभी कम से कम दो से तीन दिन और बढ़ेगा. राहत और बचाव के काम में एसडीआरएफ व एनडीआरएफ की टीमों के साथ ही दो हजार से ज्यादा नावों को लगाया गया है. कई बाढ़ राहत केंद्र खोले गए हैं. सरकारी अमला भी लगातार निगरानी करते हुए हालात पर नजर बनाए हुए हैं. हालांकि सुविधाएं सिर्फ प्रमुख जगहों तक ही पहुंच रही हैं.

दूर दराज के इलाकों के लोग परेशान हैं. आरोप है कि बाढ़ से प्रभावित लोगों के पास खाने के पैकेट भी नहीं पहुंच रहे हैं. एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की टीमें ज़रूर देवदूत बनकर लोगों की जिंदगियां बचा रही हैं.

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