अवधनामा संवाददाता
फ़िरोज़ ख़ान देवबंद:(Feroz Khan Deoband:) श्रावण मास के द्वितीय सोमवार को मंदिरों में श्रद्धालुओं ने भगवान शिव का जलाभिषेक किया। बम-बम भोले के जयकारों से मंदिर प्रांगण गूंज उठे। राधा विहार औघड़दानी नर्मदेश्वर महादेव मंदिर में शिवलिग का बेलपत्रों से भव्य श्रृंगार किया गया।
सोमवार को सुबह से ही जलाभिषेक के लिए मंदिरों में श्रद्धालुओं का पहुंचना शुरू हो गया था। मंदिर समितियों द्वारा जलाभिषेक के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई थीं। मंदिरों की साज-सज्जा देखते ही बनती थी। हर-हर महादेव और बम-बम भोले के जयकारों से मंदिर प्रांगण गूंज रहे थे। प्राचीन सिद्धपीठ श्री भूतेश्वर महादेव मंदिर में सुबह-सवेरे पूजाअर्चना के बाद श्रद्धालुओं ने भगवान शिव का जलाभिषेक किया। कतारबद्ध श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक के लिए अपनी बारी का इंतजार किया। आयोजन में मंदिर समिति के प्रधान जगमोहन लाल गोयल, मंत्री आशु गोयल, कोषाध्यक्ष आलोक अग्रवाल, मुकेश गोयल, दिनेश गोयल, वरुण गुप्ता का सहयोग रहा। चकरोता रोड स्थित श्री बागेश्वर महादेव मंदिर में सुबह सवेरे पूजा अर्चना और आरती के बाद जलाभिषेक शुरू हो गया था। मंदिर समिति के प्रधान राजेंद्र किशोर माहेश्वरी प्रबंधक राजीव गोयल, कोषाध्यक्ष घनश्याम माहेश्वरी,नीरज माहेश्वरी आदि का सहयोग रहा। राधा विहार स्थित औघड़दानी नर्मदेश्वर महादेव मंदिर में श्री रामकृष्ण विवेकानंद संस्थान के तत्वावधान में औघड़दानी नर्मदेश्वर महादेव का पंचामृत से महास्नान एवं रूद्रीपाठ, शिव सहत्रनाम,स्त्रोत से महारूद्राभिषेक किया गया। बेलपत्र से भगवान औघड़दानी महादेव का भव्य श्रृंगार किया गया। भोग अर्पण पर भगवान शंकर की महाआरती उतारी गई। स्वामी कालेंद्रानंद महाराज ने कहा कि भगवान शिव को बेलपत्र अर्पण करने पापों का नाश होता है। बेलपत्र शिवजी के त्रिनेत्र स्वरूप है। इस मौके पर अरुण स्वामी, नरेश चंदेल, राजेंद्र धीमान, दिनेश ठाकुर, डा.प्रभात वत्स, गीता, सुचेता, उमा, सुमिता अत्री, सुमन, पूजा आदि थे।