अवधनामा संवाददाता
आर्यिका संघ के सानिध्य में जैनसमाज ने की अगुवाई, चातुर्मास के लिए श्रीफल अर्पित
ललितपुर(Lalitpur)। पाश्र्वनाथ दि0 जैन अटा मंदिर में धर्म सभा को सम्बोधित करते हुए संत शिरोमणि आचार्य श्रेष्ठ विद्यासागर महाराज की प्रभाविका शिष्या आर्यिका आदर्शमति माता जी ने प्रतिभास्थली को संस्कारों के बीजारोपण का केन्द्र बताते हुए कहा यहां वालिकाओं को संस्कारों का बोध दिलाया जाता है। शिक्षा के क्षेत्र में आचार्य श्री के सोच को प्रतिभास्थलियों के माध्यम से मूर्तिरूप देकर बालिकाओं को जहां बेहतर संस्कार दिए जाते हैं वहीं समाज में हीन समझी जाने वाली वालिकाओं को स्वाभिलम्बी बनने के साथ साथ उन्हें सामाजिक कुरीतियों दूर रखकर धर्म और संस्कृति की शिक्षा दी जाती है।
आर्यिका श्री ने ललितपुर समाज की एकता और संगठन को प्रसंशनीय बचाते हुए इसे रचनात्मक कार्यो में लगाने की प्रेरणा दी उन्होने कहा प्रतिभास्थली एक आन्दोलन है जिसमें बच्चों को संस्कार दिए जाते है। इसके लिए हर व्यक्ति का सकारात्मक सोच इसके लिए जोडना होगा। उन्होने बताया कि आचार्य श्री की प्रेरणा और समाज की एकता से स्थापित प्रतिभास्थली आज विभिन्न स्थानों पर संस्कारों का केन्द्र बनी है जहां से हजारों की संख्या में बच्चियों ने अपना जीवन संवारा जिसमें सैकडों की संख्या में प्रतिभा मण्डल की संयमी वहिनों का योगदान भुलाया नहीं जा सकता।
इसके पूर्व आर्यिका दुर्लभ मति माता जी ने ललितपुर नगर की वात्सल्यता और धर्मनिष्ठा की प्रसंशा की और कहा उन्हें जेष्ठ आर्यिका आदर्शमति माता जी के सानिध्य में मिलने वाला धर्मलाभ निश्चय ही अद्वितीय रहेगा। धर्मसभा का मंगलाचरण प्रतिभा मण्डल की वहिनों द्वारा किया गया। दिगम्बर जैन पंचायत के अध्यक्ष अनिल जैन अंचल ने आर्यिका संघ के ललितपुर में सानिध्य को आचार्य श्रेष्ठ विद्यासागर महाराज के आशीर्वाद का प्रतिफल बताया और कहा कि ललितपुर में निश्चय ही अब प्रतिभास्थली का सपना साकार होगा। धर्मसभा के प्रारम्भ में ललितपुर दिगम्बर जेन पंचायत समेत समाजसेवी संस्थाओं, दयोदय गौशाला केन्द्र, समाजश्रेष्ठियों ने आर्यिका संघ को श्रीफल अर्पित कर चातुर्मास हेतु आग्रह किया।
आज प्रातःकाल ग्राम विरारी में रात्रि विश्राम के उपरान्त आर्यिका आदर्शमति माता जी संघस्थ आर्यिका अमूर्तिमति माता जी, आर्यिका गंतव्य मति माता जी, आर्यिका पृथ्वीमति माता जी एवं आर्यिका विदेत मति माता जी के साथ विहार करती हुई ललितपुर नगर की सीमा में पहुची जहां जैन पंचायत के पदाधिकारियों स्वयंसेवी संस्थाओं एवं समाज श्रेष्ठियों ने अगुवाई की। आदिनाथ सेवा सघ वाहुवलि नगर के स्वयंसेवकों ने वाहनों पर केशरिया ध्वज के साथ अगुवाई की। सुधाकलश महिला मण्डल ने दिव्यघोषों के साथ जयजयकारों के बीच आर्यिका संघ का नगर में प्रवेश कराया। शोभायात्रा में भारतीय जैन मिलन अरिहंत शाखा, दिगम्बर जैन महासमिति, दिगम्बर जैन महिला परिषद, विद्या पूजा मण्डल की महिलाए निर्धारित वेशभूषा में जहां आगे आगे चल रही थी वहीं महिलाए मंगल कलश लिए हुए थी। जैन अटामंदिर से आर्यिका दुलर्भमति माता जी के साथ साथ आर्यिका अनुनयमति, आर्यिका अनुपममति, आर्यिका अनर्गमति, आर्यिका अनुभवमति, आर्यिका अधिगममति, आर्यिका अमन्दमति, आर्यिका श्वेतमति, आर्यिका उद्योतमति, आर्यिका स्वस्तिमति, आर्यिका संवरमति, आर्यिका विनीतमति, आर्यिका निरूमति, आर्यिका परमार्थमति, आर्यिका अवायमति, आर्यिका अदूरमति के साथ जैन समाज के लोगों ने गाजे बाजे के साथ अपने संघ की जेष्ठ आर्यिका आदर्शमति माता जी की ससंघ अगुवाई की। जैन अटा मंदिर के मुख्य द्वार पर आर्यिका संघ की महिला मण्डल ने पादप्रक्षालन कर आरती उतारी। आर्यिका मां ने मंदिर जी में विराजित प्रतिमाओं के दर्शन किए। धर्मसभा का संचालन महामंत्री डा0 अक्षय टडैया ने करते हुए नगर की धर्मालु श्रेष्ठियों से लाभान्वित होने का आग्रह किया।
इस मौके पर प्रमुख रूप से पूर्व अध्यक्ष जैन पंचायत सुन्दरलाल अनौरा, ज्ञानचंद इमलिया, कपूरचंद लागौन, भगवानदास कैलगुवा, हीरालाल खजुरिया, मनोज बबीना, अक्षय अलया, संजीव जैन, अरविन्द जैन आप्टीशियन, धन्यकुमार जैन एड, सतीश नजा, विकास जेन, गेंदालाल सतभैया, कोमलचंद जैन मडवारी,संजय रसिया, संजीव सौरया, विपिन हिरावल, रूपेश जैन मलथू, प्रवीण जैन, प्रतीक इमलिया, विकास गंगचारी आदि मौजूद रहे।