जांच से बचने के लिए राम मंदिर निर्माण की बात कर रहे सलमान नदवी?
आतंकी बगदादी को खलीफा मानने वाले सलमान नदवी के सुर बदलने पर उलेमा ने जताया एतराज
लखनऊ। आतंकी अबूबक्र बगदादी को खलीफा मानने वाले मौलाना सलमान नदवी अचानक इंसानियत का पैगाम देने लगे और मुल्क में अमन और चैन की बात करने लगे। इतना ही नहीं उन्होंने देश में अखंडता और एकता की बात शुरू करने के साथ ही अयोध्या में राम मंदिर बनाने का बीड़ा भी उठा लिया। मौलाना ने राम मंदिर निर्माण की पहल शुरू की लेकिन यह जल्द ही काफूर हो गयी और उन्हें इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ा। अब मुस्लिम इलाकों में इस बात की चर्चा तेज हो गयी है कि मौलाना किसी संकट के दौर से गुजर रहे हैं जिससे बचने के लिए मौलाना ने यह कदम उठाया है। हमेशा मुसलमानों में जोश भरने और जिहाद की राह की राह पर चलने की तकरीर करने वाले नदवी अचानक से भाईचारगी और राम मंदिर निर्माण की बात करने लगे। सलमान नदवी के इस बयान के बाद सुन्नी और शिया दोनों उलेमा ने ऐतराज जताना शुरू कर दिया।
मौलाना सलमान नदवी के मंदिर बनाओ फार्मूले ने जहां मुस्लिम उलेमा ने एतराज किया है वहीं शिया वक्फ बोर्ड में दर्ज शाहदरा की मस्जिद मौलाना सलमान का कब्जे की बात भी तूल पकड़ती जा रही है। अपनी तकरीरों से हमेशा विवादों में रहने वाले मौलाना सलमान ने जैसे ही मंदिर निर्माण का फ ामूर्ला दिया उनको मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने बाहर का रास्ता दिखा दिया। जबकि जब मौलाना सलमान नदवी ने जब आतंकी अबूबक्र बगदादी को पत्र लिखा था तो उस समय बोर्ड ने उनके ऊपर कोई कार्रवाई नहीं की थी। मौलाना ने बगदादी को लिखे गये पत्र में सभी मुसलमानों पर बगदादी को खलीफा मानने की बात कही गयी थी। इतना ही नहीं खत में इस बात का भी जिक्र किया गया था कि आप खलीफतुल मुस्लेमीन हैं और और हर मुसलमान पर आपकी खिलाफत वाजिब है। मौलाना ने बगदादी को बेहद बहादुर करार दिया था। हालांकि कुछ दिन बाद है मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के सदस्य खालिद रशीद फरंगी महली ने बगदादी को आतंकवादी करार दे दिया था।
चोरी चोरी सलमान नदवी से मिल रहे उलेमा
सलमान नदवी को बोर्ड से बाहर का रास्ता दिखाये जाने के बाद राजधानी सहित अन्य प्रदेश के कुछ उलेमा उनसे चोरी-छुपे मिलने के लिए पहुंच रहे हैं। कोई उलेमा अभी तक मौलाना के समर्थन में खड़ा नहीं हुआ है इससे साफ जाहिर है सलमान नदवी से सार्वजनिक रूप से किसी का मिलना भी परेशानी का सबब बन सकता है।
मीडिया के जरिये पता चला है कि एनआईए की जांच में जाकिर नाईक के साथ ही चेन्नई की मक्का मस्जिद के इमाम और सलमान नदवी का नाम भी सामने आ रहा है। जिसमें इस बात को बताया गया है सलमान नदवी की तकरीर से भी देश के युवा मुसलमान आतंकवादियों की राह पर चलने लगते हैं। मेरा मानना है कि इसी जांच से बचने के लिए इन्होंने राम मंदिर निर्माण की बात शुरू की और पूरी दुनिया के मुसलमानों को रुसवा करने का काम कर रहे हैं। इनको पर्सनल लॉ बोर्ड से निकाला जाना बिल्कुल सही कदम है।
मौलाना सैफ अब्बास
मुसलमान उलेमा से इस बात की उम्मीद करता है कि जब उनके मुंह से कोई बात निकले तो वह कुरआन और हदीस की रोशनी में हो। मौलाना सलमान नदवी जो इस तरह की बात कर रहे हैं वह हो सकता है किसी दबाव में हो या उनकी जाती राय हो। उनके इस बयान के कारण मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया है। उनके बयान के पीछे उनका कहीं न कहीं उनका जाती फायदा नजर आ रहा है।
सीमाब नक़वी की रिपोर्ट—————–
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