अवधनामा संवादाता
आजमगढ़। (Azamgarh) समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल जिलाधिकारी के माध्यम से महामहिम राज्यपाल को ज्ञापन दिया तथा समाधान की अपेक्षा किया। गेहूं क्रय केन्द्रों पर कर्मचारियों व बिचौलियों की मिलीभगत से किसानों के गेहूं की तौल नहीं हो सकी। किसान अपना गेहूं औने-पौने दाम पर बेचने पर मजबूर हो गया। किसानों को लगात से भी कम मूल्य पर गेहॅू बेचना पड़ा। सरकार का ध्यान केवल चुनावों तक ही रह गया है। किसानों, गरीबों, मजदूरों की समस्या से कोई सरोकार नहीं रह गया है।
चीनी मिल सठियाॅव के गन्ना किसानों का करीब 78 करोड़ रूपया बकाया है। किसान परेशान है। परिवार का भरण-पोषण नहीं हो पा रहा है। पेट्रोलियम के दामों में बेतहाशा वृद्धि से आम आदमी से लेकर किसान तक परेशान है। खेती महंगी होती जा है। सरकार को कोई चिंता नहीं है। कमरतोड़ महगाई से दो जून की रोटी मोहताज हो गयी है।
सगड़ी में घाघरा नदी के कटान से खेती की जमीनें कटती जा रही है। मकान नदी मे विलीन हो रहे हैं। वहां के लोगों को रहने की व्यवस्था नहीं है। सरकार दमन व अत्याचार पर उतारू है। लोकतंत्र को लाठी तंत्र बनाकर मशीनरी का दुरुपयोग कर रहे हैं। जिला पंचायतों में पर्चा दाखिला करने से रोका गया।
प्रतिनिधिमण्डल में जिलाध्यक्ष हवलदार यादव, विधायक डा0संग्राम यादव, पूर्व विधायक श्यामबहादुर सिंह यादव, बेचई सरोज, पूर्व मंत्री विद्या चैधरी, पूर्व जिलाध्यक्ष अखिलेश यादव, जयराम सिंह पटेल, हरिप्रसाद दूबे, डा0रामदुलार राजभर, प्रेमा यादव, बबिता चैहान, द्रौपदी पाण्डेय, सना परवीन, गुड्डी देवी, किरन श्रीवास्तव, शशिकला सिंह, शिवसागर यादव, राजेश यादव, राजारा सोनकर, तारिक फैसल, परवेज अहमद, जोरार खान, कमलेश, राजेश गिरी, आशीर्वाद यादव, अजीत राव, सुरेश, वेदप्रकाश, दुर्गेश, पंकज राजभर, राजेश सरोज, हंसराज, गौरव पाण्डेय, विनित राय, ताड़केश्वर तिवारी, धीरज, शिवनरायन सिंह, विवेक सिंह आदि थे।
चीनी मिल सठियाॅव के गन्ना किसानों का करीब 78 करोड़ रूपया बकाया है। किसान परेशान है। परिवार का भरण-पोषण नहीं हो पा रहा है। पेट्रोलियम के दामों में बेतहाशा वृद्धि से आम आदमी से लेकर किसान तक परेशान है। खेती महंगी होती जा है। सरकार को कोई चिंता नहीं है। कमरतोड़ महगाई से दो जून की रोटी मोहताज हो गयी है।
सगड़ी में घाघरा नदी के कटान से खेती की जमीनें कटती जा रही है। मकान नदी मे विलीन हो रहे हैं। वहां के लोगों को रहने की व्यवस्था नहीं है। सरकार दमन व अत्याचार पर उतारू है। लोकतंत्र को लाठी तंत्र बनाकर मशीनरी का दुरुपयोग कर रहे हैं। जिला पंचायतों में पर्चा दाखिला करने से रोका गया।
प्रतिनिधिमण्डल में जिलाध्यक्ष हवलदार यादव, विधायक डा0संग्राम यादव, पूर्व विधायक श्यामबहादुर सिंह यादव, बेचई सरोज, पूर्व मंत्री विद्या चैधरी, पूर्व जिलाध्यक्ष अखिलेश यादव, जयराम सिंह पटेल, हरिप्रसाद दूबे, डा0रामदुलार राजभर, प्रेमा यादव, बबिता चैहान, द्रौपदी पाण्डेय, सना परवीन, गुड्डी देवी, किरन श्रीवास्तव, शशिकला सिंह, शिवसागर यादव, राजेश यादव, राजारा सोनकर, तारिक फैसल, परवेज अहमद, जोरार खान, कमलेश, राजेश गिरी, आशीर्वाद यादव, अजीत राव, सुरेश, वेदप्रकाश, दुर्गेश, पंकज राजभर, राजेश सरोज, हंसराज, गौरव पाण्डेय, विनित राय, ताड़केश्वर तिवारी, धीरज, शिवनरायन सिंह, विवेक सिंह आदि थे।
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