अवधनामा संवाददाता
छात्रों द्वारा कार्यशाला में इनोवेशन का प्रस्तुतिकरण किया गया
अयोध्या (Ayodhya)। डॉ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के आईईटी संस्थान में इंजीनियर रिसर्च एंड इनोवेशन टू विन ओवर कोविड-19, आइडिया थान-2021 विषय पर पांच दिवसीय कार्यशाला के दूसरे दिन आज 8 जून 2021 को मुख्य वक्ता ए0के0पी0 टेक्नोविजन इनोवेशन प्राइवेट लिमिटेड, लखनऊ के फाउंडर एवं सीईओ आनंद पांडे रहे। वर्चुअल कार्यशाला को संबोधित करते हुए आनन्द पाण्डेय ने कहा कि किसी भी अविष्कार में संवेदनाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होती है और इन्ही संवेदानाओं से नवाचार का प्रारम्भ होता है। इसके बिना सृजनशीलता विकसित नहीं हो सकती है। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों के अनुसार बदलाव करना ही नवाचार का आधार है। व्यक्ति तभी सफल बन सकता है जब वह नीचे से ऊपर की ओर उठने की क्षमता रखता हो। सफलता का पहला पायदान ही असफलता है। पाण्डेय ने छात्रों को बताया कि एक स्टार्टअप से 100 आदमियों को रोजगार दिया जा सकता है। नवाचार के लिए एक अच्छी शुरुआत के साथ विश्वास का होना नितान्त आवश्यक है। इसके बिना कोई राष्ट्र आगे नहीं बढ़ सकता है।कार्यशाला में आईईटी संस्थान के निदेशक प्रो0 रमापति मिश्र ने छात्रों से कहा कि इनोवेशन द्वारा स्टार्टअप की शुरूआत कर सकते है। इससे मालिक होने के साथ बेराजगारी की समस्या को दूर कर सकते है। इसलिए युवाओं को नवाचार की ओर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए। कार्यशाला के दौरान एमिटी यूनिवर्सिटी, नोएडा के बीटेक छात्र पार्थ बंसल ने इनोवेशन पर माॅडल प्रस्तुत किया। जिसमें उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान ऑक्सीजन के दुरूपयोग को कम करने के लिए मास्क बनाया एवं अपनी दादी के लिए जादुई छड़ी बनाई जिसमें लेजर लाइट लगी हुई है। इसके लिए उन्हें 2016 में राष्ट्रपति पुरस्कार भी मिल चुका है। जादुई छड़ी का प्रयोग करके पार्किंसन बीमारी से ग्रसित लोगों को लाभ मिला है। आईईटी संस्थान के असिस्टेंट प्रो0 रतिंद्र गौतम ने पोस्ट कोविड-19 बायो-मेडिकल वेस्ट चैलेंज एंड इनोवेशन विषय पर अपना इनोवेशन माॅडल प्रस्तुत किया। इसी क्रम में केएनआईटी, सुल्तानपुर के फॉर्मेसी विभाग के सहायक आचार्य एसपी पांडे ने कोरोना वायरस एवं आइसोलेशन की शर्तों एवं आवश्यकताओं पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि यदि सीटी वैल्यू 23 से कम है तो वह पेशेंट नॉन स्प्रेडिंग होते हैं। वे बहुत ज्यादा कोरोना नहीं फैला सकते हैं। ऐसे मरीजों को होम आइसोलेशन मे मेडिकल सुविधा देते हुए उपचार किया जा सकता है।
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