महारानी अहिल्याबाई होल्कर एक कुशल शासक थीं

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Queen Ahilyabai Holkar was a skilled ruler

अवधनामा संवाददाता

महरौनी ललितपुर(Mehrauni Lalitpur.) । महर्षि दयानन्द सरस्वती योग संस्थान आर्य समाज महरौनी के तत्वाधान में महान वीरांगना मालवा साम्राज्य की राजमाता लोकमाता महारानी अहिल्याबाई होल्कर जी की 296 वीं जयंती पर आर्य परिवार महरौनी द्वारा वैदिक रीति से  जन्म जयंती मनाई गई। लखन लाल आर्य ने कहा कि महारानी अहिल्याबाई होल्कर जी एक कुशल शासक प्रजापालक थी उन्होंने   अपनी धर्म संस्कृति की रक्षा के लिए संघर्ष किया और अपने राज की प्रजा के लिए सदैव समर्पित रहीं ।

आर्य समाज के मंत्री लखन लाल आर्य ने कहा कि महारानी अहिल्याबाई होल्कर एक स्त्री होकर भी उन्होंने न केवल नारी उत्थान के लिए कार्य किये,अपितु समस्त पीड़ित मानवता के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। शिक्षिका सुमन लता सेन आर्य ने कहा कि वह एक उज्ज्वल चरित्र महिला थीं।अहिल्याबाई होल्कर सेवा,सरलता,सादगी,मातृभूमि की सच्ची सेविका थी। इंदौर घराने की महारानी बनने के बाद भी अभिमान उन्हें छू तक नही सका था। अहिल्याबाई का जन्म 31 मई 1725 ई को चांऊडी ग्राम अहमदनगर महाराष्ट्र  में  पिता मान कोजी शिंदे व माता सुशीला बाई के घर जन्म लेकर इंदौर के होल्कर राजघराने में मालवा नरेश महाराजा खंडेराव होल्कर से हुई।

श्रीमद दयानन्द सरस्वती कन्या गुरूकुल चोटीपुरा की ब्रह्मचारिणी वेदांशी आर्या ने कहा कि अहिल्याबाई होल्कर एक बुद्धिमान,तीक्ष्ण सोच और कुशल शासक थी। उन्होंने कई युद्धो का नेतृत्व किया वह एक साहसी योद्धा थी और बेहतरीन तीरंदाज थी हाथी की पीठ पर चढ़कर लड़ती थी। गुरुकुल कुरुक्षेत्र के ब्रह्मचारी काव्य आर्य ने कहा कि अहिल्याबाई होल्कर का निधन 13 अगस्त सन 1795 ई को हुआ था उनकी महानता और सम्मान में भारत सरकार ने 25 अगस्त 1996 को उनकी याद में एक डाक टिकट जारी किया था। संचालन अदिति सेन आर्य ने किया।

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