शिकायत के बाद प्रशासनिक अमले में मचा हड़कंप

0
158

There was a stir in the administrative staff after the complaint

 

अवधनामा संवाददाता

धात्री गर्भवती एवं कुपोषित बच्चों का पोषाहार स्वयं सहायता समूहों ने डकारा
मामला मुख्यमंत्री के संज्ञान में आने के बाद हरकत में आए विभागीय अधिकारी
मिल्कीपुर –अयोध्या।(Milkipur – Ayodhya) मिल्कीपुर ब्लाक क्षेत्र अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्रों से संबद्ध गर्भवती धात्री एवं कुपोषित बच्चों में वितरण हेतु स्वयं सहायता समूहों को प्राप्त कराया गया पोषाहार सहित खाद्यान्न लाभार्थियों में वितरित न किए जाने का मामला पूरी तरह से गरमा गया है। ब्लॉक क्षेत्र के पारा धनेथुआ गांव में स्वयं सहायता समूह संचालकों द्वारा बड़े पैमाने पर किए गए इस खाद्यान्न घोटाले की शिकायत ग्रामीणों द्वारा प्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यालय एवं जिला अधिकारी के ट्विटर पर किए जाने के बाद बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग में हड़कंप मच गया है। शुक्रवार को खराब मौसम एवं रुक-रुक कर हो रही तेज बारिश के बीच मामले की जांच करने अधिकारी गांव पहुंचे और उन्होंने ग्रामीणों के बयान दर्ज किए। जांच में गांव के स्वयं सहायता समूह की ओर से वितरण हेतु प्राप्त 6 माह का खाद्यान्न कोटेदार से प्राप्त किए जाने के बावजूद भी खाद्यान्न संबंधित आंगनबाड़ी केन्द्रों को हस्तगत नहीं कराए जाने का भंडाफोड़ हुआ है। प्राप्त जानकारी के अनुसार
कुपोषित बच्चों एवं धात्री तथा गर्भवती महिलाओं में पोषाहार वितरण हेतु ग्राम पंचायत के स्वयं सहायता समूह ने कोटेदार से प्राप्त किए जाने के बाद 7 कुंतल 99 किलो ग्राम गेहूं तथा 1 कुंतल 96 किलोग्राम चावल आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को मात्र प्राप्त कराया था। उठान किए गए खाद्यान्न में से
 3 कुंतल 45 किलोग्राम चावल, गेहूं बचे शेष राशन को स्वयं सहायता समूह द्वारा डकार लिया गया। इस घोटाले की शिकायत ग्रामवासी ने मुख्यमंत्री कार्यालय सहित जिलाधिकारी के ट्विटर पर करते हुए मामले की जांच एवं कार्यवाही की मांग की थी। जिसका मुख्यमंत्री कार्यालय ने संज्ञान लिया और मामले की जांच तथा कार्यवाही के निर्देश जिला प्रशासन को दे दिए गए। ग्राम पंचायत पारा धनेथुआ गांव पहुंचे संबंधित अधिकारी द्वारा आनन-फानन में जनवरी, फरवरी-मार्च का पोषाहार तो आंगनबाड़ी कार्यकत्री को रिसीव करा दिया गया। लेकिन पूर्व में अक्टूबर-नवंबर दिसंबर 2020 के वितरण हेतु अवशेष खाद्यान्न का संबंधित अधिकारी व स्वयं सहायता समूह अब क्या करेगा। उसके वितरण के लिए भी अधिकारी व स्वयं सहायता समूह अपनी-अपनी जुगत लगाने में जुट गए हैं। क्योंकि मामला मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंचने के बाद अब विभागीय अधिकारी अपनी कुर्सी बचाने के लिए हो रही झमाझम बारिश के बीच गांव पहुंचकर आंगनबड़ी व स्वयं सहायता समूह से अपनी सांठगांठ बैठाने पर लगे हैं। लेकिन गांव स्थित दोनों आंगनबाड़ी केंद्रों की आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां कोई भी बात मानने को तैयार नहीं है। क्योंकि सारी गलतियां जो प्रकाश में आई है वह स्वयं सहायता समूह के ही दिखाई पड़ रही है। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने खाद्यान्न रिसीव करने से हाथ खड़े कर दिया और कहा कि जब 5 माह बीत गए तब अब हम इस खाद्यान्न का वितरण किस प्रकार करेंगे। बताते चलें कि यह तो मात्र एक गांव का नमूना है। यदि मिल्कीपुर ब्लाक क्षेत्र के सभी गांव सहित जनपद के हर ब्लॉकों में उक्त पोषाहार वितरण की एक सिरे से विधिवत जांच हुई तो बहुत बड़ा पोषाहार खाद्यान्न घोटाला उजागर होने की उम्मीद है।
Also read

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here