अवधनामा संवाददाता
बुंदेलखंड में बक्सवाहा के जंगलों की जैव विविधता को नष्ट करने की जल्दबाजी आत्मघाती कदम है
ललितपुर। (lALITPUR) गुरुवार को कचहरी में गौरैया बचाओ अभियान, मानव ऑर्गेनाइजेशन, अधिवक्ता संवाद ने संयुक्त रुप से बक्सवाहा जंगल को बचाने के लिए पोस्टकार्ड अभियान चलाया जिसके अंतर्गत लोगों को जागरूक करते हुए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित पोस्टकार्ड लिखवाए गए। पोस्टकार्ड में बताया गया कि बक्सवाहा जंगल संपूर्ण बुंदेलखंड के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर का काम करते हैं जिन्हें काटने पर भविष्य में परिणाम बहुत ही भयावह होंगे और इसका सीधा प्रभाव जैव विविधता व इको सिस्टम पर पड़ेगा।
कैंपेन के संयोजक युवा अधिवक्ता पुष्पेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि सरकार ने 20 साल पहले छतरपुर के बक्सवाहा में बंदर प्रोजेक्ट के तहत सर्वे शुरू किया था। दो साल पहले मध्य प्रदेश सरकार ने इस जंगल की नीलामी की थी, जिसे आदित्य बिड़ला ग्रुप के एस्सेल माइनिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने खनन के लिए खरीदा। हीरा भंडार वाली 62.64 हेक्टेयर ज़मीन को मध्यप्रदेश सरकार ने इस कंपनी को 50 साल के लिए लीज पर दिया है, लेकिन कंपनी ने 382.131 हेक्टेयर का जंगल मांगा है। कंपनी का तर्क है कि बाकी 205 हेक्टेयर जमीन का उपयोग खदानों से निकले मलबे को डंप करने में किया जाएगा। कंपनी इस प्रोजेक्ट में 2500 करोड़ रुपए का निवेश करने जा रही है। अब सवाल ये उठता है कि इस देश में पेड़ जरूरी या हीरा। इस महाविनाश को रोकने के लिए देश के कई सामाजिक संगठन बक्सवाहा के जंगल को बचाने के लिए अभियान चला रहे हैं
इसके अंतर्गत जनपद ललितपुर में भी बक्सवाहा जंगल को कटने से बचाने के लिए अभियान चलाया गया है। इस दौरान एड. अंकित जैन बंटी, एड. राजेश पाठक, एड.बृजेंद्र सिंह चौहान, स्वतंत्र व्यास एड., अमित लखेरा पत्रकार, एड.रविंद्र घोष, बलराम कुशवाहा, एड.आशीष साहू, एड.आकाश झा कई लोग शामिल रहे।