प्रशिक्षण के दौरान लखनऊ मंडल के उप निदेशक सर्वेश कुमार पांडेय ने कहा कि “हमारे यहां प्रतिदिन संस्थाओं में कोविड के प्रभाव की स्थिति की समीक्षा की जा रही है और अभी तक कोई भी अपरिहार्य स्थिति नही हुई है”। वाराणसी मंडल के उपनिदेशक प्रवीण त्रिपाठी ने कहा कि “मंडल स्तर पर सभी अधिकारियों के संपर्क और निर्देशन में हम संस्थाओं की निगरानी कर रहे हैं”। प्रशिक्षण में मुख्य बातें बताई गयी की बाल गृहों में बच्चों को कोरोना से बचाव हेतु सभी सुरक्षित उपाय जिसमे लगातार हाथ धोना, मास्क का उपयोग करना, यथा संभव सामाजिक दुरी का पालन करना, कार्मिकों को रोस्टर ड्यूटी पर रखना जिससे सामाजिक दुरी एवं लोगों से संपर्क कम हो, प्रत्येक बाल गृहों में एक आइशोलेसन कक्ष हो जहाँ नए बच्चों को रखा जा सके, डॉक्टर की उपलब्धता सुनिश्चित किया जाये जिससे किसी भी आपातकाल में शीघ्र मदद मिल सके. इसके साथ ही प्रशिक्षकों द्वारा बच्चों एवं कार्मिकों की मानसिक स्वस्थ्य पर चर्चा किया गया जिसमें बच्चों एवं कार्मिकों को मनोसामाजिक और मनोवैज्ञानिक सहायता प्रदान किया जाये. प्रशिक्षकों द्वारा यह भी बतया गया की कार्मिकों को इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए की किस बच्चे को इस तरह की सहायता की जरुरत है जिससे की बच्चे को शीघ्र सहायता प्रदान किया जा सके।
प्रशिक्षण के दौरान यूनिसेफ से मंडलीय बाल सुरक्षा सलाहकार नीरज शर्मा उपस्थित रहे जिन्होंने बताया की महिला कल्याण विभाग द्वारा लगातार इन बातों की समीक्षा की जा रही है की बाल गृहों में आवासित बच्चों को कोरोना संक्रमण से बचाया जा सके तथा इसे सुनिश्चित एवं सहायता प्रदान करने हेतु राज्य स्तर पर वर्चुअल सपोर्ट ग्रुप भी बनाया है। प्रशिक्षण में आँगन ट्रस्ट से स्मिता, सी0एस0ए0 से सत्यजीत व प्रथम से स्नेह मुख्य प्रशिक्षण कर्ता हैं। 27 से 9 जून के मध्य अन्य मंडलों हेतु यह प्रशिक्षण आयोजित किया जाएगा।