अवधनामा संवाददाता
अयोध्या। (Ayodhya) रामलला के मंदिर निर्माण के लिए खोदी गईं नींव के ग्राउंड इम्प्रूवमेंट का कार्य अब गति पकड़ चुका है। कार्यदाई संस्था एलएण्डटी ने इंजीनियर फिल्ड मटेरियल की चौथी लेयर डालने का काम तेजी से पूरा कर पांचवीं लेयर बिछाने का काम सोमवार को शुरू कर दिया है। रविवार को अवकाश के कारण काम बंद था। कार्यदाई संस्था ने निर्धारित समय में काम पूरा करने के लिए राजस्थान की मेसर्स बालाजी कांस्ट्रक्शन कंपनी प्रा. लि. को अपना सहयोगी पार्टनर बनाया है। हालांकि अभी बालाजी कंपनी का काम शुरू नहीं हो पाया है। पहले एलएण्डटी ने आठ घंटे के बजाय काम की अवधि को 12 घंटे कर दिया है। इसके कारण कार्य की गति कई गुना बढ़ गयी है। बताया जा रहा है कि दिन की कड़ी धूप में काम की गति धीमी रहती है। वहीं शाम होते-होते गति बढ़ जाती है और काम करने वाले श्रमिकों को भी आराम रहता है। यही कारण है कि जहां पहली व दूसरी लेयर डालने में दस-दस दिन का समय जाया हुआ। वहीं चौथी लेयर का काम महज दो दिन में ही पूरा हो गया। काम की इस गति से रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारी भी संतुष्ट है। रामजन्मभूमि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने साइट विजिट कर निर्माणाधीन कार्य का अवलोकन किया और एलएण्डटी के इंजीनियरों की पीठ भी थपथपाई।मेसर्स बालाजी कांस्ट्रक्शन कंपनी प्रा. लि. की ओर से स्थापित किए जा रहे कांकरीट संयंत्र का कार्य भी अंतिम दौर में है। बताया गया कि एलएण्डटी की ओर से चयनित बालाजी कंपनी ने तयशुदा अनुबंध के मुताबिक इंजीनियर फिल्ड मटेरियल से सम्बन्धित सभी आवश्यक सामग्रियों की आपूर्ति अलग से लेगी और निर्धारित कार्य को निर्धारित अवधि में पूरा कराएगी। फिलहाल कंपनी अभी अपना इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर रही है। इस कंपनी का परिसर में आफिसियल कार्य शुरू हो चुका है।
राम मंदिर के लिए खोदी गयी नींव 400 गुणा 250 गुणा 40 फिट है। इस नींव में ग्राउंड इम्प्रूवमेंट का कार्य निर्माणाधीन अवस्था में है। बरसात में यह कार्य अप्रभावित रहे, इसके लिए ग्राउंड के चारों ओर की दीवारों पर प्लास्टिक शीट लगाने की योजना है। इस योजना के तहत करीब एक लाख वर्ग फिट प्लास्टिक आ भी गयी है जिसे रामजन्मभूमि ट्रस्ट को उपहार में भेजा गया है। इस शीट को ग्राउंड के चारों ओर बिछाकर आंधी-पानी में उड़ने से रोकने के लिए सैंडबैग के नीचे दबाया जाएगा। एलएण्डटी ने इसके लिए हजारों की संख्या में सैंडबैग (सीमेंट की खाली बोरियों) में मिट्टी भरवाने का काम शुरू कर दिया है। यह बोरियां कुबेर टीला के पास पहले से डम्प की गयी नींव से निकली मिट्टियों से भरी जा रही हैं।
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