अवधनामा संवाददाता
देवरिया।(Devariya) सरकार द्वारा कोरोना महामारी को रोकने के लिए लागू किए गए लॉक डाउन,मास्क की अनिवार्यता व सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ती हुई दिख रही हैं।वहीं प्रशासन मौन है।कहीं पुलिस कर्मियों द्वारा दुकानों को बंद करवाया जा रहा है तो कहीं पर लोगों की भीड़ को खुला छोड़ दिया गया है।तार- तार होते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का नजारा सोमवार को देवरिया शहर के मालवीय रोड स्थित पंजाब यूनियन बैंक के सामने देखने को मिला।जहां प्रशासन बेबस दिखा।वैंक के सामने लोगों की भीड़ इस कदर उमड़ी हुई थी कि लोग एक दूसरे से आगे निकलने के लिए धक्का -मुक्की कर रहे थे।दो गज की दूरी तो दूर की बात है, एक दूसरे के बीच दो इंच की भी दूरी नहीं दिखी।अब सवाल यह पैदा होता है कि आखिर ये कौन सी गाइडलाइन है? जिम्मेदार लोग कहां हैं?कहां हैं पुलिस प्रशासन?कहाँ हैं जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक का अधीनस्थ अधिकारी?जब यही स्थिति रही तो कैसे रुकेगा कोरोना? वहीं शहर के कुछ हिस्सों में सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा।पुलिस भी कुछ दुकानों को बन्द कराती हुई दिखी।जिले के आला अधिकारी जब प्रतिदिन भीड़ पर नियंत्रण करने व लॉक डाउन का सख्ती से पालन कराने की हिदायत दे रहे हैं, तो फिर मातहत उस आदेश का पालन क्यों नहीं कर रहे हैं? यह एक गम्भीर सवाल है।आखिर भीड़भाड़ वाले स्थानों पर मजबूती के साथ पुलिस की तैनाती क्यों नहीं हो पा रहा है?कुल मिलाकर यह दृश्य सरकारी अधिकारियों की लापरवाही को दर्शाता है।लेकिन यह लापरवाही आम आदमी के लिए भारी पड़ सकती है।
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