अवधनामा संवाददाता
अयोध्या। (Ayodhya) फीस माफी अभियान के अगुआ नवाब सिंह ने अप्रैल माह से ही फीस माफी को लेकर अभिभावकों को जागरूक करना शुरू कर दिया था। जिस पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बाद समाजसेवी की अपील पर मुहर लग गई। सुप्रीम कोर्ट के आदेश में कहा गया है कि अभिभावक 15 कम फीस जमा करें।
समाजसेवी नवाब सिंह ने बताया कि अप्रैल माह में ही अभिभावकों को आगाह कर दिया गया था कि स्कूल फीस अभिभावक 15 फ़ीसदी कम जमा करें। समाजसेवी ने स्कूल प्रबंधन से अपील किया था कि कोरोना कॉल के दौरान अभिभावकों पर जबरन फीस वसूली का दबाव न बनाया जाए। बावजूद इसके विद्यालय छात्र छात्राओं से पूरी फीस वसूलने का कार्य कर रहे थे। जिस पर समाजसेवी नवाब सिंह ने अभिभावकों से आग्रह किया था कि अपने बच्चों की पूरी फीस न जमा करें। अब देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बाद फीस को लेकर हो रही जद्दोजहद पर विराम लग गया है। कोर्ट ने कहा है कि यदि कोई भी अब लॉग फीस नहीं देता है या नहीं दे पा रहा है तो ना तो उसका नाम काटा जाएगा। नहीं उसको परीक्षा देने से वंचित किया जाएगा और ना ही ऑनलाइन या ऑफलाइन कक्षाएं रोकी जाएंगी न ही परीक्षा परिणाम रोका जाएगा। सत्र 2020-21 के लिए 15 फीसदी फीस की रियायत भी दी है। बता दें कि समाजसेवी नवाब सिंह कई 14-15 माह से फीस माफी अभियान को चला रहे हैं। कोरोना काल में मध्य वर्गीय परिवार के लोगों के लिए एकमुश्त फीस जमा करना कठिन कार्य है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मध्यवर्गीय परिवार को कुछ हद तक राहत मिलने की उम्मीद हैं। वही दूसरी ओर समाजसेवी नवाब सिंह ने कोरोना काल के दौरान फीस को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आए आदेश का स्वागत किया है।
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