कोरोना काल में बच्चे घरों में समय का कर रहे सदुपयोग

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Children are making good use of time in homes during the Corona period

अवधनामा संवाददाता

ललितपुर (Lalitpur)  कोविड-19 के चलते जहाँ बच्चे घरों में अपने लिए सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। तो कुछ बच्चे करूणा इंटरनेशनल से जागरूक होकर जीवदया के कार्य करकर आनलाइन फोटों शेयर कर रहे हैं। कोरोना महामारी के चलते लोग अपने लिए घरों में ही सुरक्षित महसूस कर रहे हैं।वहीं बच्चों को भी घरों के अंदर रहने के लिए कहा जा रहा है। वहीं बच्चों को कोरोना समय में पर्यावरण संरक्षण के कार्यों को करने का मौका मिल रहा है। बच्चे घरों में स्कूल की आनलाइन पढाई के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के खेल भी खेल रहे हैं और बेटियाँ मम्मी के साथ मिलकर विभिन्न प्रकार के पकवान भी बनवा रहीं हैं। इसके साथ ही साथ बच्चे घरों में पेड-पौधे लगा रहे है जिससे शुद्ध आक्सीजन मिल सके। पेड-पौधों को पानी भी दे रहे हैं, जिससे घर में हरियाली रहे और शुद्ध आक्सीजन भी मिले। बच्चों ने गौरैया घौंसलों को भी लगाया है, जिनमें आकर नन्हीं गौरैया ने आशियाना भी बना लिया है। नन्हीं गौरैया के साथ खेलने का भी मौका मिल रहा है।

निखिल बताते हैं कि उन्होंने अपने घर में तोता के बच्चों को पाल रखा है, उनकी सेवा कर रहे हैं। उनकी मधुर आवाज को सुनकर मेरा मन प्रसन्नित हो जाता है। मुझे पक्षियों से बहुत ही प्रेम है। मैं तोता के बच्चों को रोटी, सब्जी, फल आदि खिला रहा हूं। मैं भी उनके साथ खेलता हूं। मुझे बहुत ही आनंद की अनुभूति हो रही है। देवांश जैन बताते हैं कि बालकनी में गमलों में एलोवेरा, मनी प्लांट, तुलसी, पुदीना, सो प्लांट आदि लगे हुए हैं जिनमें मैं प्रतिदिन पानी डाल रहा हूं जिनसे शुद्ध आक्सीजन भी मिल रही है। घर का वातावरण भी स्वच्छ बना हुआ है। रुबी कुशवाहा और वैशाली चौहान ने बताया कि विश्व गौरैया दिवस के मौके पर घर के पास बने बगीचे में गौरैया घौंसलें लगाये हुए थे जिनमें गौरैया ने बच्चों को जन्म दिया उनकी चीं-चीं की आवाज बहुत ही मीठी लगती है मैं तो दिनभर गौरैया के बच्चों के साथ खेलती हूं।पक्षियों की सेवा करके बहुत ही अच्छा लग रहा है। रितिक कुशवाहा, अजय झां, रानू, आनंद प्रजापति बताते हैं कि इस भीषण गर्मी के मौसम में पक्षियों व जानवरों के कंठ न सूखें इसलिए जल पात्रों में पानी भरकर रख रहे हैं।जिससे इस गर्मी में प्यास के कारण कोई पक्षी प्राण न गवायें।

करुणा इंटरनेशनल के संयोजक पुष्पेंद्र जैन बताते हैं कि गतवर्ष लाकडाउन के चलते बच्चों को आनलाइन पढाई के साथ पर्यावरण संरक्षण की गतिविधियों को करने के लिए जागरूक किया गया था और बच्चों ने लाकडाउन में विभिन्न गतिविधियों को घर पर रहकर किया था और बच्चों ने फोटों भी शेयर की थी।बच्चों को कोरोनो काल में उन्हें पढाई के साथ-साथ करूणा के कार्यों को करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।बच्चे जागरूक होकर विभिन्न गतिविधियों की फोटों भेज रहे हैं।बच्चे परिवार के लोगों और मित्रों के लिए संदेश दे रहे हैं-“घर में रहें सुरक्षित रहें”, “दो गज की दूरी,माक्स है जरूरी”,कोविड नियमों का पालन करें,जब जरूरी कार्य हो तभी घर से बाहर निकलें।करुणा इंटरनेशनल से जागरूक होकर बच्चे पर्यावरण संरक्षण के कार्यों में महती भूमिका निभा रहे हैं।

 

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