पीड़ित इलाज के लिए दर-दर भटक रहे हैं नहीं मिल रही कही सुविधा
अवधनामा संवाददाता
फूलपुर/आजमगढ़। (Phulpur / Azamgarh.) इस कोरोना के दौर में चारों तरफ हाहाकार मचा हुआ है, जहां फूलपुर क्षेत्र के शाह जेरपुर गांव में बीते दिन सांस की तकलीफ वह बीमारी से जूझ रहे थे जहां ऑक्सीजन नहीं मिलने से दो लोगों की मौत हो गई मृत युवक का नाम राजाराम यादव 60 वर्ष बताया जाता है । वही एक महिला का भी मृत्यु हो गई। जिससे गांव में लगातार अब तक 4 मौतें हुई, जिससे गांव में सन्नाटा ही सन्नाटा देखने को मिल रहा है। फूलपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर आज 28 अप्रैल को कई डॉक्टरों से ऑक्सीजन के बारे में पूछा गया तो डॉक्टरों का एक ही जवाब मिला ऑक्सीजन नहीं है और ना ही बेड खाली है जो मरीजों को एडमिट किया जा सके लेकिन आज फूलपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर 2 फुट की दूरी मास्क लगाना जरूरी एजेंटों प्रत्याशियों में मचा भारी घमासान जिसके चलते कुछ एजेंटों प्रत्याशियों किट ना होने के कारण जांच नहीं हो सका जिससे कई प्रत्याशियों वे एजेंटों में भारी आक्रोश है वही 2 मई को मतगणना को लेकर प्रत्याशी एजेंट का बिना कोरोना चेकअप के कोई मतगणना नहीं उपस्थित हो पाएगा वहीं कर्मचारियों व प्रत्याशियों एजेंटों को लगेगा कोरोना वैक्सीन जिसके चलते मतगणना में उपस्थित हो सकेंगे। जहां जिलाधिकारी का बयान हवा हवाई साबित हो रहा है वहीं फूलपुर क्षेत्र में ऑक्सीजन की भारी कमी होने से लोगों की दर्दनाक मौत हो रही है जहां पीड़ित इलाज के लिए दर-दर भटक रहे हैं किसी को सांस की तकलीफ है तो किसी को सांस लेने की तकलीफ है किसी को बी पी हाई तो किसी को दम्मा का मरीज है इलाज के लिए दर-दर भटक रहे हैं फूलपुर क्षेत्र के हॉस्पिटलों में ज्यादा नहीं बची है की और मरीजों को एडमिट किया जा सके। जबकि जिलाधिकारी का बयान था कि ऑक्सीजन की कमी नहीं है जनता अफवाहों से बचें और अपना इलाज कराए पर फूलपुर अस्पताल में ना तो ऑक्सीजन है और ना ही मरीजों का सही ढंग से इलाज किया जा रहा है । जहां जिलाधिकारी के बयान को हवा हवाई साबित कर दिया है वहीं जिलाधिकारी को ऑक्सीजन की कमी को संज्ञान में लेते हुए अति शीघ्र ऑक्सीजन उपलब्ध कराने का हर संभव कोशिश करनी चाहिए क्योंकि इस समय अधिकांश लोगों की मौत ऑक्सीजन की कमी के चलते हो रही है। जहां देशभर में एक बार दूसरी लहर लेकर कोरोना कॉल चारों तरफ तबाही ही तबाही मचा रहा है वहीं वहीं अब तक बहुतो की दर्दनाक मौत हो रही है बड़े छोटे हॉस्पिटलों में अब जगह नहीं बची है और ना ही ऑक्सीजन है ताकि पीड़ितों एवं मरीजों का सही ढंग से उपचार किया जा सके।
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