अवधनामा संवाददाता
अयोध्या। (Ayodhya) डाॅ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान विभाग में पृथ्वी दिवस के उपलक्ष्य पर ”वेदर एंड क्लाइमेट सर्विसेस टूवर्डस हेल्थ एंड फूड सेफ्टी” विषय पर वेबिनार का आयोजन किया। वेबिनार की अध्यक्षता करते हुए अविवि के कुलपति प्रो0 रविशंकर सिंह ने कहा कि पृथ्वी हम सभी की माॅ है हमारें शास्त्रों में वर्णित है। इसे बचाये रखना हम सभी का नैतिक कर्तव्य है। पृथ्वी सिर्फ मनुष्य की नही है। बल्कि इस पर निवास कर रहे सभी प्राणियों की है। मनुष्य सिर्फ अपने स्वार्थ में इसे नष्ट कर रहा है। कुलपति ने कहा कि हम सभी के लिए आक्सीजन बहुत जरूरी है। आक्सीजन हम सभी के लिए जीवन दायिनी है जिसके बिना जीवन नही है। इसे सहेजना हम सबकी जिम्मेदारी बनती है। पृथ्वी को सहेजने के लिए अपने आस-पास पेड़-पौधों का संरक्षण करें। कुलपति प्रो0 सिंह ने बताया कि मानव प्राणी के लिए कार्बनडाई आक्साइड का भी अपना विशेष महत्व है। इसका संतुलन भी बनाये रखना जरूरी है। पूरे विश्व में पर्यावरण को जो क्षति पहुॅचाई गई है उसी का परिणाम रहा है कि कोरोना संक्रमण तेजी के साथ फैल रहा है। हम अपने स्वार्थ में एवं विकास के लिए पर्यावरण को नष्ट कर रहे है। सरकार द्वारा पृथ्वी को संरक्षित करने के लिए कई नीतियां बनाई गई है जिस पर कार्य चल रहा है। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक का उपयोग न करे। इसके स्थान पर कपड़े के थैले का उपयोग करे। सभी की एकजुटता से पृथ्वी को बचा पायेंगे। अतः में कुलपति प्रो0 सिंह ने कहा कि पृथ्वी का बचाये रखने के लिए वर्तमान पीढ़ी की जिम्मेदारी बढ़ गई है। अगर यह नही किया गया तो आने वाली पीढ़ी के लिए समस्या बन सकती है।
वेबिनार के मुख्य अतिथि पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, भारत सरकार के निदेशक डॉ0 जगवीर सिंह ने कहा कि आज के परिवेश में जलवायु परिवर्तन एक महत्वपूर्ण कारण है जिससे हमारे पृथ्वी की परिस्थितिकी में बदलाव देखा जा रहा है। जलवायु परिवर्तन से पृथ्वी का तापमान 1.52 बढ़ गया है तथा परिस्थितिकी में लगभग 8 प्रतिशत का क्षरण पाया गया है। भारत एवं वैश्विक स्तर पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव खाद्य उत्पादन पर भी पड़ा है जो कि प्रत्येक मानव के सतत् विकास पर प्रभाव डालता है। भारतीय मौसम विज्ञान के आकड़ों द्वारा कृषि कार्य में सुगमता के संदर्भ डॉ0 सिंह ने बताया कि गुणवत्ता पूर्ण पूर्वानुमान से हम अपनी कृर्षि को और अधिक बेहतर कर सकते हैं। इसके साथ फसलों की रक्षा कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि पृथ्वी मंत्रालय, भारत सरकार आपदा प्रबन्धन, जलवायु परिवर्तन, मौसम आदि के साथ चार महत्वपूर्ण क्षेत्र वातावरण, समुद्र, भू-विज्ञान तथा धुवी्रय विज्ञान में शोध एवं महत्वपूर्ण कार्य के लिए अग्रसर है। इसी क्रम में उन्होने वेबिनार में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की स्थापना तथा उसके कार्यों की विस्तृत रूप से जानकारी साझा कर प्रतिभागियों को उत्साहित किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ सरस्वती वंदना के साथ हुआ। उसके उपरांत कुलगीत की प्रस्तुति हुई। कार्यक्रम का संचालन विभाग के विभागाध्यक्ष एवं कार्यक्रम के संयोजक प्रो0 सिद्धार्थ शुक्ल द्वारा किया गया। अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापन विभाग के प्रो0 जसवंत सिंह ने किया। तकनीकी सहयोग इं0 राजीव कुमार द्वारा किया गया। इस अवसर पर प्रो0 विनोद श्रीवास्तव, डाॅ0 विनोद चौधरी, डाॅ0 संजीव, डाॅ0 मुकेश वर्मा सहित बड़ी संख्या में शिक्षक एवं छात्र-छात्राएं आंनलाइन मौजूद रहे।
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