अवधनामा संवाददाता
अलीगढ़ (Aligarh) अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के सर जिया-उद-दीन हाल में शिक्षा मंत्रालय के निर्देशों के अनुपालन में भारत की आजादी की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर एक ऑनलाइन व्याख्यान का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता कानून विभाग में सहायक प्रोफेसर श्री मुहम्मद नासिर ने स्वतंत्रता के लिए संघर्ष में एएमयू की भूमिका पर बात की। उन्होंने कहा कि हमारे स्वतंत्रता सेनानियों का सबसे बड़ा योगदान केवल अंग्रेजों से भारत की स्वतंत्रता हासिल करना नहीं था, बल्कि भारतीयों से मन डर को भी बाहर निकालना था।
श्री नासिर ने कहा कि वर्तमान युग भारत और एएमयू के इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण का प्रतिनिधित्व करता है। भारत के संविधान की सातवीं अनुसूची के तहत एएमयू को राष्ट्रीय महत्व के शिक्षण संस्थान का गौरव हासिल है।असहयोग अंदोलन में एएमयू की भूमिका की चर्चा करते हुए श्री मुहम्मद नासिर ने कहा कि महात्मा गांधी के आव्हान पर सरकार द्वारा संचालित संस्थाओं का बहिष्कार हुआ।उन्होंने एएमयू के मौलाना हसरत मोहानी, राजा महेंद्र प्रताप, अली ब्रदर्स, खान अब्दुल गफ्फार खान और अन्य महत्वपूर्ण लोगों द्वारा राष्ट्रीय संघर्ष में निभाई गई महत्वपूर्ण और सकारात्मक भूमिका पर बात की।
प्रोफेसर रियाज-उद-दीन (प्रोवोस्ट, सर जियाउद्दीन हाल) ने स्वागत भाषण दिया, जिसमें उन्होंने विषय की उपयुक्तता पर बात की और उन महान हस्तियों को श्रद्धांजलि अर्पित की जिन्होंने स्वतंत्रता के लिए संघर्ष में अपना बलिदान दिया।कार्यक्रम का संचालन अहमद मूसा खान, सहायक प्रोफेसर, वाणिज्य विभाग और वार्डन, सर जियाउद्दीन हॉल, एएमयू द्वारा किया गया। वार्डन-डा० नसीम अहमद, डा० शेख बिलाल अहमद, डा० कलीम अहमद, डा० शकील जावेद और डा० मुहम्मद खान हाल के अलावा छात्रों और गैर-शिक्षण कर्मचारी आनलाइन सत्र में शामिल हुए।