
गोयल ने कहा, ‘सभी ट्रेनों में 22 डिब्बे होंगे, प्लेटफॉर्म का आकार बढ़ाया जाएगा और दूसरे संबंधित बदलाव भी किए जाएंगे. इंजीनियरिंग विभाग इस पर गौर कर रहा है.’ फिलहाल ट्रेन के डिब्बे दो तरह-आईसीएफ और एलएचबी होते हैं तथा ट्रेनों में डिब्बों की संख्या जरूरत के हिसाब से 12,16,18, 22 अथवा 26 होती हैं.
भारतीय रेल के एक अधिकारी ने कहा, ‘अगर हर ट्रेन में डिब्बों की संख्या समान होगी तो हम किसी एक ट्रेन का इंतजार करने की बजाय मौके पर उपलब्ध कोई भी ट्रेन रवाना कर सकेंगे.’ उन्होंने कहा कि पहले चरण में ट्रेनों के 300 से अधिक समूहों और उनके रूट की पहचान की गई है. एक रूट पर ट्रेनों की संख्या में बदलाव और उनका समय नई समय-सारिणी में उपलब्ध होंगे. नई समय-सारिणी का प्रकाशन जुलाई में किया जाना है.
यही नहीं, सरकार के मुताबिक 2019 के मार्च तक सभी यात्री ट्रेनों में बॉयो टॉयलेट लगाने का काम पूरा कर लिया जाएगा. रेल राज्य मंत्री राजेन गोहेन का कहना है कि मौजूदा उपयोग किए जा रहे कोचों में बॉयोटॉयलेट की रिट्रो फिटिंग सीमित हद तक कोच डिपो में की जा रही है. उन्होंने कहा, ‘भारतीय रेल के करीब 55 फीसदी यात्री कोच को बॉयोटॉयलेट से लैस कर दिया गया है.’
इसके साथ ही सरकार ने बताया कि भारतीय रेल ने इस साल कुल 769 ट्रेनों की गति बढ़ाई जिससे यात्रा की अवधि में पांच मिनट से लेकर 485 मिनट तक की कमी आई. लोकसभा में एक सवाल के जवाब में रेल राज्य मंत्री राजन गोहेन कहा कि नई रेलवे समय-सारिणी के तहत कुल 769 ट्रेनों की गति में बढ़ोतरी की गई और यह एक नवंबर 2015 से प्रभावी भी हो गया है.
https://www.youtube.com/watch?v=eBIyfSqbc0o