- पूर्व व वर्तमान मंडल अध्यक्ष ने भी सोशल मीडिया पर खुलकर कहीं अपनी बात
- गुटबाजी और विद्रोह के चलते पार्टी को करना पड़ सकता है मुश्किल का सामना
सुधीर पाण्डेय (अवधनामा संवाददाता)
देवरिया। (Devariya) भारतीय जनता पार्टी के जिला पंचायत सदस्य की प्रत्याशियों की सूची जारी होने के साथ ही दल में बगावत के सुर उठने लगे थे। कार्यकर्ताओं के विरोध के पद जब पदाधिकारियों ने कोई कार्यवाही नही की तो निष्ठावान कार्यकताओं ने सोशल मीडिया का सहारा लेकर अपनी भड़ास निकलना शुरू कर दी। कुछ कार्यकर्ताओं ने जहां सोशल मीडिया पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर दीए वहीं कुछ कार्यकर्ता दल की लानत मलामत करने में लगे हुए हैं। दूसरे दलों से आए लोगों को प्रत्याशी बनाने को लेकर भी कार्यकर्ताओं ने नाराजगी जतानी शुरू कर दी हैए कुछ ने धन्यवाद भाजपा लिखकर भी दल से बागी होने के संकेत दिए हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि पार्टी को कई जगहों पर बागियों से मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है। पार्टी की सूची जारी होने के बाद लार क्षेत्र के पार्टी के प्रमुख नेता बृजेशधर दुबे ने खुले तौर पर बगावत की घोषणा कर दी है। हालांकि दुबे तीन साल से मेहनत कर रहे थे और उन्होंने जिलाध्यक्ष से लेकर विधायक तक को बता दिया था कि हम ज़िला पंचायत का चुनाव लडेंगेए फिर भी उनको पार्टी ने दरकिनार करके उनके स्थान पर किसी और को टिकट दे दिया। उन्होंने फेसबुक पर लार दक्षिणी वार्ड से अपनी पत्नी संध्या दुबे को निर्दल प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने की घोषणा करके क्षेत्र के लोगों से सहयोग की अपील कर दी सीसी है। पर्चा दाखिला के दिन बागियों के साथ भाजपा के कार्यकर्ता भी मौजूद थेए इससे साफ जाहिर है कि पंचायत चुनाव में भाजपा को काफी नुकसान बागियों के वजह से उठाना पड़ सकता है।
काबिलेगोर हो कि इसी तरह भलुअनी मंडल के मंत्री शौर्य प्रताप सिंह ने भी फेसबुक पेज पर थाने में बैठे हुए अपनी फोटो के साथ पोस्ट करते हुए वार्ड 26 से चुनाव लड़ने की घोषणा की है। शौर्य ने लिखा है कि आज आप लोगों ने मुझे गरीब के बेटे को थाने में बैठा कर अच्छा नहीं कियाए इसलिए आप लोग प्रशासन के दम परए तो मैं जनता के दम पर चुनाव लड़ूंगा। इनके समर्थन में भी कुछ कार्यकर्ताओं ने फेसबुक पर अपनी पोस्ट डालकर पार्टी के प्रति नाराजगी जताई है। इसी तरह एक कार्यकर्ता राहुल प्रताप सिंह ने फेसबुक पर लिखा है कि वार्ड संख्या 45 में भाजपा ने मुझे अपना प्रत्याशी नहीं बनाया। अब जनता का प्रत्याशी बनकर दिखाऊंगा। पार्टी के राम लखन मंडल के अध्यक्ष सुनील निषाद ने भी फेसबुक पर केवल धन्यवाद भाजपा लिखकर नाराजगी जताई हैए तो एक पूर्व मंडल अध्यक्ष व किसान मोर्चा के नेता अमित कुमार तिवारी ने भारतीय जनता पार्टी जिंदाबादए धन्यवाद जिला अध्यक्ष जी लिखा है।
फेसबुक बना भाजपा के लिए रणभूमिए ऐसे निकाली अपनी भड़ास
जिला पंचायत सदस्य के लिए भाजपा से टिकट न मिलने पर निष्ठावान कार्यकर्ताओ व पार्टी के बीच मे फेसबुक रणभूमि का कार्य कर रहा है।पार्टी के एक कार्यकर्ता अनुराग मिश्रा ने भाजपा की विचारधारा पर सवाल उठाए हैं। वही दल से टिकट मांग रहे देवरिया नगर के पूर्व अध्यक्ष अंगद मणि ने दल के लिए समर्पण की बात करते हुए टिकट वितरण पर नाराजगी जताई है। उन्होंने लिखा है कि एक अवसर था वह भी खत्म 35 साल सेवा भाजपा का करने के बाद सब कुछ खत्म। इसमें मेरे भाग्य का दोष है या मेरी ईमानदारी का यह तोहफा है। आयातित मेहमान होता हैए स्वागत है। आप सभी का आप सभी जीते सरकार जनपद में बनाएं और ईमानदारी का रिकार्ड कायम करें। महाराष्ट्र के गृहमंत्री की तरह जय भाजपा तय भाजपा मैं तो दाधीच हूंए भाजपा के लिए मेरी हड्डी भी काम आए तो सहर्ष तैयार हूं। आशीष सिंह बिसेन ने अपनी पोस्ट में मूल कार्यकर्ताओं को टिकट देने पर धन्यवाद जताया और दल बदलूओं को टिकट देने पर ऐतराज किया। अभिषेक कुमार गुप्ता ने लिखा है कि भाजपा कार्यकर्ता आज रो रहा हैए पार्टी में अब कार्यकर्ताओं की मेहनत नहीं देखी जा रही हैए पैसे को तरजीह दिया जा रहा।
ज़िला पंचायत अध्यक्ष के दावेदारों की हालत खराब
भाजपा की निगाह ज़िला पंचायत अध्यक्ष पर लगी हुई हैए लेकिन अध्यक्ष के दंगल में निष्ठावान बागी कार्यकर्ताओं की नाराजगी कही यह पूरा खेल खराब ना कर दे। बागियों का कहना है कि ज़िला पंचायत अध्यक्ष के चार दावेदार हैए आशुतोष सिंहए हरेंद्र जायसवालए धन्नजय राव और पुनीत शाही। चर्चाए.ए.सरेआम है कि हरेंद्र जायसवाल सपा और बसपा के सत्ता में रहकर मलाई खा चुके हैंए अब मलाई भाजपा में देखा तो पाला बदल लिया। आजकल भाजपाई कहे जा रहे है। धन्नजय राव भी सपा शासन काल तक सपाई रहे। भाजपा के निष्ठावान बागी कार्यकर्ता अब मुखर हो गए हैए वह केवल सोशल मीडिया पर ही नहीं अपितु पार्टी के पदाधिकारियों के कार्यगुजरी की चर्चा आम जनमानस के सामने करते हुए न्याय की मांग भी कर रहे है। कार्यकर्ता अब यह भी कहने से तनिक हिचक नही रहे है कि खेल खराब हो जाएगा। ज़िला पंचायत अध्यक्ष पद पर कोई बाहुबलीए माफिया व धन्ना सेठ नहीं बैठेगा। ज़िला पंचायत अध्यक्ष वह बनेगा जो कार्यकर्ताओं जा सम्मान करता हो और गरीब जनता का दुख में शामिल हो रहा होए क्योंकि इससे पहले भी ज़िला पंचायत अध्यक्ष एक अपराधी थाए जिसके ऊपर 50 हजार का इनाम पुलिस को करना पड़ा। अपराधी नेपाल बॉर्डर से पकड़ा गया।