लखनऊ. उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक चर्चित माने जाने वाले समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के गाँव सैफई से ग्राम प्रधान पद के लिए पहली बार मतदान किया जाएगा. दलित जाति का आरक्षण होने के बाद एकमत होकर के नेता जी के करीबी बुजुर्ग रामफल बाल्मीकि को मुलायम परिवार ने प्रधान पद के लिए तय कर दिया था लेकिन एक अन्य महिला विनीता के नामांकन कर देने से सैफई में निर्विरोध निवार्चन की परम्परा पर ब्रेक लग गया. अब 19 अप्रैल को मतदान होगा.
समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के बेहद करीबी माने जाने वाली रामफल को प्रधान बनाने के लिए पूरा सैफई गाँव एकमत हो चला है. इस सिलसिले में सोमवार को एक महत्वपूर्ण बैठक मुलायम सिंह यादव के भाई राजपाल सिंह की अगुवाई में सैफई में हुई जिसमे बड़ी तादाद में गाँव वालों ने हिस्स लिया.
सभी ने एकमत होकर तय किया कि सैफई में अगले प्रधान रामफल बाल्मिकी ही होंगे. मुलायम के भाई राजपाल सिंह यादव ने बताया कि गावं और परिवार के सभी छोटे बड़े ने तय किया है कि नेताजी के बेहद करीबी रामफल बाल्मिकी को इस बार प्रधान बनाना है. इसलिए सभी प्रमुख गाँव वालों की राय ली गयी है जिसमे रामफल के पक्ष में ही मतदान करने के लिए सभी से आग्रह किया गया है.
उन्होंने कहा कि बेशक इस बार प्रधान के चुनाव में मतदान कराया जाएगा लेकिन भविष्य में इस बात को ध्यान रखा जाएगा. 1972 से इस गाँव में निर्विरोध निर्वाचन की परम्परा कायम रही, उसी परम्परा को बरकरार रखा जाएगा. इससे पहले कभी भी सैफई गाँव में प्रधान पद के लिए मतदान नहीं हुआ है. हमेशा से निर्विरोध प्रधान निवार्चित होता रहा है. यह पहला मौक़ा है जब सैफई गाँव में प्रधान पद के लिए मतदान होने जा रहा है.
अक्टूबर 1971 से लगातार प्रधान होते चले जा रहे दर्शन सिंह यादव का पिछले साल निधन हो गया था. रामफल भी दर्शन सिंह की तरह मुलायम सिंह यादव के बेहद करीबी रहे हैं. सैफई गाँव के ही दशरथ सिंह यादव कहते है कि रामफल बाल्मीकि उनके चाचा समाना है और उनकों गाँव का प्रधान बनाने के लिए सभी ने एकमत होकर तय कर लिया है.