बांसी सिद्धार्थनगर। (Bansi Siddharthnagar) तहसील क्षेत्र अंतर्गत चंवर ताल में डैनेज खंड द्वारा मनमानी तौर पर असंवैधानिक तरीके से किसानों के निजी जमीनों पर नाले का निर्माण कराया जा रहा है। हालांकि इस नाले के निर्माण होने से हजारों किसानों को फायदा भी होगा लेकिन प्रश्न यह है कि विकास के नाम पर किसी का विनाश नहीं किया जा सकता और जिस तरह से विभाग द्वारा किसानों के निजी जमीन पर बिना कीमत अदायगी व विभागीय प्रक्रिया अपनाए बिना नाले की खुदाई किया जा रहा है उससे छोटे किसान भूमिहीन हो जाएंगे। प्राप्त जानकारी के अनुसार बांसी तहसील अंतर्गत चेतिया से लेकर सूपा तक एक बड़ा भूभाग बांसी नौगढ़ मुख्य मार्ग के दोनों तरफ परासी नाले से होते हुए फजिहतवा नाले के द्वारा निकलने वाले बरसात का पानी नाला दुरूस्ती करण ना होने के वजह से हर साल हजारों एकड़ फसल को बर्बाद हो जाता है जो किसानों के लिए एक बहुत बड़ी पीड़ा का विषय है।
भाकियू के जिलाध्यक्ष ने एसडीएम को पत्र देकर कार्य रोकने का किया आग्रह
अवधनामा संवाददाता
हालांकि इसके लिए बार-बार हर साल आवाज उठाई जाती है लेकिन सरकार इस पर ध्यान नहीं दे पाती है और हर साल किसानों की कड़ी मेहनत बाढ़ व बरसात का पानी निगल जाता है। विभाग द्वारा ऐन केन प्रयास करके इस नाले को सफाई व दुरुस्ती करण का कार्य किया जा रहा है । जो एक अच्छी पहल है और काफी लोगों को राहत देने वाला है लेकिन परासी व फजिहतवा नाले के बीच में एक ऐसा भी भूभाग है जहां नाले का स्वरूप नहीं है और उक्त जमीन को राजस्व विभाग ने किसानों के नाम चक एलाटमेंट कर दिया है जिस पर बड़हर घाट के कुछ किसान खेती-बाड़ी करते हैं वही उनके जीवन का साधन है ऐसी दशा में विभाग द्वारा दोनों नालों को जोड़ने का कार्य किया जा रहा है जिसके फलस्वरूप छोटे किसानों की जमीन खत्म हो जाएगी।
जिसको लेकर बड़हरघाट के कुछ किसान भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष यार मोहम्मद के अगुवाई में उप जिलाअधिकारी बांसी को लिखित तहरीर देकर उक्त कार्य को रोकने का आग्रह किया है और यदि विभाग द्वारा उनके जमीन पर नाला निर्माण कराया जा रहा है तो उसके बदले या तो जमीन दी जाए अथवा मुआवजा दिलाये जाने की मांग की है। इस संबंध में अधिशासी अभियंता ड्रेनेज खंड ने कहा कि इस नाले के निर्माण से हजारों किसानों का फायदा होगा इसलिए लोगों से अपील है कि सहयोग करें। अब सोचने वाली बात यह है कि जिसके पास जमीन का उतने टुकड़ा है वह विभाग के सहयोग के नाम पर कुर्बान हो जाए।
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