अवधनामा संवाददाता
टिकैतनगर बाराबंकी। आदर्श नगर पंचायत टिकैतनगर में चल रही श्री मद्भागवत कथा के तृतीय दिवस में कथा व्यास पूज्य अतुल कृष्ण भारद्वाज जी महाराज ने श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के दौरान ज्ञान की महिमा के बारे में श्रद्धालु जनों को बताया कि भागवत कथा मनुष्य को भगत बना देती है श्रीमद् भागवत कथा में ही ऐसी शक्ति है जो भटके हुए को रास्ता दिखाती है और बिगड़े हुए को सुधार देती है और दुष्टों का उद्धार कर देती है उन्होंने कहा कि गीता ज्ञान है ज्ञान कैसा होने चाहिए यह बातें भगवान ने भागवत में बताई है जब बुद्धि भगवान में लग जाए अथवा भगवान बुद्धि का वरण कर ले तो समझ ले कि मनुष्य को ज्ञान की प्राप्ति हो गई है क्योंकि यह बुद्धि ही है जो मनुष्य के विचारों एवं चारों को अपने आदेश पर चलाती है और मन के आदेश को मानती है यदि बुद्धि भगवान में लग गई तो फिर उसमें ऐसे विचार आएंगे ही नहीं जिसमें किसी का अहित या नुकसान हो तो भगवान के सामने रोते हैं उसे संसार के सामने नहीं रोना पड़ता और भगवान अपने भक्तों के लिए दौड़े चले आते हैं और उन्हें अपने पास रख लेते हैं जिसे पूरी दुनिया में जाकर भी शांति नहीं मिलती उसे भगवान की गोद में आकर शांति मिल जाती है उन्होंने बताया कि भगवान ने अपने विराट स्वरूप का दर्शन केवल एक बार और एक ही को दिखाया है वह भी महाभारत के युद्ध में अर्जुन को दिखाया है इसके अलावा उन्होंने किसी को भी अपना विराट रूप के दर्शन नहीं दिए जीवन का यह व्यवहार भी सत्य पर ही चलता है उन्होंने कहा कि लोगों ने धर्म की परिभाषा ही बदल डाली है धर्म के चार स्तंभ तप, सत्य, दया एवं पवित्रता है कलयुग में मनुष्य से ना तो तप हो सकता है और ना ही भगवान की तरह दयालु हो सकता है रही पवित्रता की बात तो वह भी जा रही है केवल सत्य ही है जो पहले भी स्थापित था और आज भी स्थापित है और कल भी रहेगा उन्होंने कहा कि हमारे देश की संस्कृति का जो हाल है उसके बिगड़ने का कारण दृष्टि मन मोबाइल टीवी फिल्म जैसे अनेक साधन सहज उपलब्ध है आने वाले समय में इसके और भी दुष्परिणाम देखने को मिलेंगे आज से 100 वर्ष पहले की संस्कृति क्या थी आज अखबारों के प्रत्येक पृष्ठो पर अपराध की खबरें हैं क्या आज से 20 वर्ष पूर्व ऐसी हालत थी आज पूरे समाज में प्रत्येक कर्मी में मिलावट आ गई है जिसका प्रतिशत दो से तीन है लेकिन आने वाले समय में और भी बढ़ेगा उस समय देश की हालत कैसी होगी मनुष्य के जीवन में जब तक पवित्रता दया और सत्यता नहीं रह गई हो तो हालत तो बिगड़ेगी ही उन्होंने कहा कि यथा राजा तथा प्रजा है पहले सत्ता तलवार से प्राप्त होती थी और आज सत्ता वोटो से प्राप्त होती है यह अच्छी बात है क्योंकि तलवार से प्राप्त की गई सत्ता हिंसा से मिलती थी और वोट से प्राप्त की गई सत्ता हिंसा विहीन है अर्थात जिस प्रकार से सत्ता मिलती है उसी से प्रमाणित होती है आज की कथा में कथा व्यास द्वारा कथा एवं भजनों के माध्यम से क्षेत्र के सभी भक्त जनों को भावविभोर किया।
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